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ताजमहल में बंदर (फाइल)
– फोटो : Amar Ujala
विस्तार
उत्तर प्रदेश के आगरा स्थित ताजमहल में अंदर हीं नहीं, बाहर भी बंदरों का आतंक है। टिकट खिड़की से लेकर पार्किंग तक बंदर पर्यटकों से लूटमार कर रहे हैं। खाना, पानी की बोतल और बैग तक छीन रहे हैं। जिम्मेदार एएसआई, नगर निगम और वन विभाग के पास रोकथाम की कोई ठोस योजना नहीं है।
पश्चिमी गेट स्थित टिकट खिड़की पर दिनभर बंदरों का झुंड घूमता है। नीम तिराहा से लेकर 500 मीटर दूर स्थित पार्किंग तक पर्यटकों का पैदल चलना दूभर है। रास्ते में शाहजहां गार्डन और शीशमहल के पास बंदर झपट रहे हैं। बुधवार को एक केरल की पर्यटक से बंदर ने झपट्टा मार कर हाथ से थैला खींच लिया, जिसे सुरक्षा कर्मियों ने वापस दिलाया।
रोकथाम की कोई ठोस योजना नहीं
उधर, ताज के पूर्वी गेट स्थित टिकट खिड़की पर भी बंदर पर्यटकों से छीना-झपटी कर रहे हैं। पिछले एक साल में पर्यटकों के साथ बंदर के काटने की सात घटनाएं हो चुकी हैं। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, नगर निगम और वन विभाग के पास स्मारक आने वाले पर्यटकों की बंदरों से सुरक्षा और रोकथाम की कोई ठोस योजना नहीं है।
पकड़े गए थे 250 बंदर
जी-20 देशों के प्रतिनिधि जब ताजमहल आए थे तब फरवरी में 250 बंदर ताजमहल के अंदर से पकड़े गए थे। इसके बाद अब ताजमहल के यलो जोन में 2500 से अधिक बंदर हो गए हैं। आगरा सर्किल के अधीक्षण पुरातत्वविद डॉ. राजकुमार पटेल का कहना है कि बंदरों की रोकथाम के लिए नगर निगम और वन विभाग को व्यवस्था करनी चाहिए। पुरातत्व विभाग स्मारकों का सरंक्षण करता है।
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