[ad_1]
कासगंज। डेंगू के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए मंगलवार को राष्ट्रीय डेंगू दिवस मनाया जाएगा। इलाज में लापरवाही करने से डेंगू खतरनाक साबित हो सकता है। जान भी जा सकती है। वर्ष 2021 में जिले में डेंगू ने काफी तबाही मचाई थी। गांव से लेकर शहर तक लोग चपेट में आए थे। 100 से अधिक लोगों की जान चली गई थी। चिकित्सकोंं के मुताबिक अचानक बुखार के साथ सिर के पिछले हिस्से में तेज दर्द, उल्टी, आदि की समस्या हो तो लापरवाही न बरतें। तुरंत जांच कराकर उपचार कराएं।
नोडल अधिकारी डाॅ. एएन चौहान ने बताया कि डेंगू का इस साल अभी तक कोई मामला सामने नहीं आया है। मच्छरों के बढ़ते प्रकोप से इस बीमारी के फैलने का खतरा बढ़ गया है। इसके चलते विभाग ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। जिले में वर्ष 2022 में डेंगू के 78 मरीज मिले थे। डेंगू मरीजों के उपचार के लिए के लिए संयुक्त जिला अस्पताल में दस और सभी सीएचसी पर पांच, पांच बेड आरक्षित किए गए हैं।
उन्होंने बताया कि डेंगू से बचाव के लिए बुखार की स्थिति में चिकित्सक की सलाह पर ही दवा लेनी चाहिए। बिना चिकित्सक के परामर्श के दवा का सेवन न करें। मेडिकल से दवा लेकर खाना जानलेवा साबित होता है। यह जरूरी नहीं है कि प्लेटलेट्स घटने पर डेंगू ही हुआ हो। कई बार वायरल और संक्रमण की वजह से भी प्लेटलेट्स घट जाते हैं। इससे जब तक एलाइजा जांच न हो,जब तक प्लेटलेट घटने पर डेंगू नहीं माना जा सकता।
जिला मलेरिया अधिकारी आलम सिंह ने बताया कि डेंगू का लार्वा साफ पानी में पनपता है। जिले के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर डेंगू कार्ड उपलब्ध हैं, जिनके जरिए डेंगू का पता लगाया जा सकता है। कार्ड से जांच के बाद एनएसवन, एलजीएम, एलाइजा टेस्ट सयुंक्त जिला अस्पताल पर किया जाता है। एलाइजा जांच में डेंगू की पुष्टि होने पर डेंगू पॉजिटिव माना जाता है।
ये हैं डेंगू के लक्षण
-तेज बुखार।
-त्वचा पर चकत्ते।
-तेज सिर दर्द।
-पीठ दर्द।
-आंखों में दर्द।
-मसूड़ों से खून बहना।
-नाक से खून बहना।
-जोड़ों में दर्द।
-उल्टी, डायरिया।
ऐसेे करें बचाव
-कूलर, पानी की टंकी, पक्षियों के पीने के पानी के बर्तन, फ्रिज की ट्रे, फूलदान आदि प्रति सप्ताह खाली करें।
-नारियल का खोल, टूटे हुए बर्तन, टायरों में पानी जमा न होने दें।
-घरों के दरवाजे व खिड़कियों में जाली, पर्दे लगाएं।
– मोजे पहनें।
-दिन में भी सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें।
[ad_2]
Source link