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कासगंज। कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में तैनात पुरुष कर्मचारियों को हटाने के फैसले का विद्यालय में तैनात कर्मचारियों ने विरोध किया है। कर्मियों ने मुख्य विकास अधिकारी कार्यालय में ज्ञापन सौंपकर फैसला वापस लेने की मांग की है।शासन के इस निर्णय के बाद कस्तूरबा विद्यालयों में तैनात कर्मचारियों पर छंटनी की तलवार लटक रही है। नए सत्र में पुरुष कर्मियों की संविदा का नवीनीकरण न करने का फैसला लिया है। इस फैसले से पुरुष कर्मी मायूस है। उन पर बेरोजगार होने का खतरा मंडराने लगा है।
विरोध में सोमवार को जनपद के समस्त कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों के कर्मचारियों ने सीडीओ कार्यालय पर जाकर ज्ञापन सौंपा। कर्मचारियों ने बताया कि यदि विद्यालय में पुरुषों की तैनाती नहीं होगी तो बालिकाओं की सुरक्षा कैसे होगी। तो महिलाएं बाहरी कार्यों को कैसे निपटाएंगी। कस्तूरबा विद्यालयों में लेखाकार, चपरासी व चौकीदार पद पर पुरुषों की तैनाती रहती है। पुरुष कर्मचारी न होने से गैस सिलेंडर सहित अन्य काम प्रभावित होंगे। कर्मचारियों ने कहा कि सरकार को अपना यह फैसला वापस लेना चाहिए। इस दौरान
अमित मिश्रा, राहुल यादव, राजीव, रईस पाल, महेंद्र, सुनील आठों विद्यालयों की वार्डन, शिक्षक, कर्मी आदि मौजूद रहे। ब्लॉक की वार्डन व शिक्षिकाएं मौजूद रहीं।
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