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एटा मेडिकल कॉलेज में मरीजों और तीमारदारों द्वारा लाकर रखे गए पंखे।
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
उत्तर प्रदेश के एटा में मेडिकल कॉलेज में किसी को भर्ती कराने ला रहे हैं तो पूरे इंतजाम के साथ आएं। यहां मच्छरों की बहुतायत है। शाम होते ही यह हमला कर देते हैं। विंग में लगे अधिकांश पंखे खराब हैं। ऐसे में मरीजों और उनके तीमारदारों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। मच्छरों से बचाव के लिए मरीज के परिजन घर से पंखे लेकर आ रहे हैं।
संचारी रोग अभियान के दौरान मच्छरों से बचाव पर विशेष जोर दिया गया। मेडिकल कॉलेज में मच्छरों से बचाव के कोई इंतजाम नहीं हैं। आलम यह है कि विंग के कई वार्डों के पंखे नहीं चलते हैं। ऐसे में मरीज और उनके परिजन को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। दूसरी मंजिल पर एमसीएच विंग में बच्चा वार्ड और एसएनसीयू वार्ड बना हुआ है। बच्चा वार्ड में बड़े व एसएनसीयू वार्ड में नवजात को भर्ती किया जाता है।
रात के समय रहता है मच्छरों का आतंक
बच्चा वार्ड में सोमवार को तीन व एसएनसीयू वार्ड में दस नवजात भर्ती थे। वहीं वार्ड के पास बच्चों के तीमारदार बैठे हुए थे। उन्होंने घर से लाकर पंखे रखे थे। तीमारदारों से पूछा तो बताया कि यहां पंखे कहीं लगे हैं तो कहीं नहीं लगे हैं। जो लगे हैं वो चलते नहीं हैं। ऐसे में रात के समय मच्छरों का आतंक रहता है। शाम होते ही यह भिनभिनाने लगते हैं। मच्छरों से बचाव के लिए अपने पंखे लाए हैं।
तीमारदारों ने बताई समस्याएं
गुमानपुर निवासी तीमारदार केशव ने कहा कि पांच दिन से बच्चा एसएनसीयू वार्ड में भर्ती है। उसी का इलाज करा रहे हैं। यहां मच्छरों की समस्या है। बचाव के लिए घर से पंखा लेकर आए हैं। खेरिया निवासी प्रेमवती ने कहा कि बहू को प्रसव हुआ था। छह दिन से बच्चा यहां वार्ड में भर्ती है। रात के समय मच्छर अधिक लगते हैं। ऐसे में मच्छरों से बचाव के लिए पंखा घर से लाए हैं। मेडिकल कॉलेज के मीडिया प्रभारी डॉ. विवेक पाराशर ने बताया कि पंखे न चलने की जानकारी नहीं आई है। विंग की जिसको जिम्मेदारी दी गई है, उनसे इस संदर्भ में बात की जाएगी।
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