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देवांश धनगर व उनके माता-पिता
– फोटो : अमर उजाला
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फितूर हैं ये उम्र की बातें, दिमाग जिद्दी होना चाहिए। किसी शायर का यह शेर देवांश पर बिल्कुल सटीक बैठता है। दिमाग के दम पर 12 साल के देवांश धनगर ने कमाल कर दिया है। जेईई मेंस परीक्षा में उनके ओबीसी-एनसीएल में 99.91 परसेंटाइल आए हैं। उन्होंने साबित कर दिया है कि प्रतिभा उम्र की मोहताज नहीं होती है। हौसला और कुछ कर गुजरने की तमन्ना अगर हो, तो मिसाल बना जा सकता है। देश में 11 साल की उम्र में कोडिंग मास्टर के नाम से प्रख्यात देवांश की प्रतिभा को शिक्षाविद अनोखा मानते हैं।
80 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण की दसवीं
आगरा के बिचपुरी ब्लॉक क्षेत्र के बरारा गांव के रहने वाले 12 साल के देवांश धनगर ने खेत में रहकर ही पढ़ाई की। उनके पिता लाखन सिंह बताते हैं कि नौंवी तक घर में रहकर ही पढ़ाई कराई। इसके बाद पहली बार सुंदरलाल मेमोरियल इंटर कॉलेज से दसवीं की परीक्षा 80 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण की थी। इस साल देवांश ने इंटर की परीक्षा दी है।
देश में कोडिंग मास्टर के नाम से प्रख्यात
देवांश धनगर महज 11 साल की उम्र में देश में कोडिंग मास्टर के नाम से प्रख्यात हो गए। वह अभी तक 10 एप भी तैयार कर चुके हैं। 160 से ज्यादा जिला, राज्य, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मानों से नवाजे जा चुके हैं। साथ ही 11 साल की उम्र में ही 500 से ज्यादा बच्चे उनसे निशुल्क कोडिंग सीख चुके हैं। देवांश की उम्र से दोगुने और तीन गुने बढ़े उनके शिष्य हैं।
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