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आगरा: महंगाई का दौर है. व्यापार पर मंदी का साया है. रोजगार सीमित हैं. ऐसे में अगर बिजली की दरें बढ़ीं तो बिल जमा करना मुश्किल हो जाएगा. और जब, लाइनलॉस कम हुआ है तो बिजली की दरों में बढ़ोतरी पर चर्चा ही क्यों हो रही है? गुरुवार को उपभोक्ताओं ने उप्र विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष आर पी ङ्क्षसह से यही बातें कहीं. आयोग अध्यक्ष बिजली दरों में बढ़ोतरी को लेकर उपभोक्ताओं से परिचर्चा करने आए थे.
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– लाइनलॉस कम हो गया तो बिजली की कीमत बढ़ाने पर चर्चा ही क्यों
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