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मैनपुरी। थाना कुरावली क्षेत्र में छह साल पहले एक पुरोहित की हत्या करके शव गायब करने वाले तीन सगे भाइयों को जिला जज अनिल कुमार ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। उन पर 30-30 हजार हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। सजा सुनाने के बाद तीनों को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया गया है। थाना कुरावली के रसेमर निवासी प्रदीप मिश्रा पुरोहित का काम करते थे। दो फरवरी 2017 को वह पास के गांव नगला गढू में पृथ्वीराज के घर पर एक मांगलिक कार्यक्रम में गए थे। कार्यक्रम से लौटते समय उनकी हत्या करके शव को पास के ही खेतों में छिपा दिया गया। प्रदीप की मां शकुंतला देवी ने गांव के ही तीन सगे भाई घनश्याम, शेषराम, देवेंद्र के खिलाफ हत्या करके शव गायब करने की रिपोर्ट लिखाई। पुलिस ने जांच करके तीनों के खिलाफ आरोप साबित होने पर चार्जशीट कोर्ट में भेज दी।
मुकदमे की सुनवाई जिला जज पॉक्सो अनिल कुमार की कोर्ट में हुई। अभियोजन पक्ष की ओर से वादी, विवेचक, चिकित्सक सहित गवाहों ने तीनों के खिलाफ कोर्ट में गवाही दी। गवाही के आधार पर तीनों सगे भाइयों को प्रदीप की हत्या करके शव गायब करने का दोषी पाया गया। डीजीसी वीरेंद्र कुमार मिश्रा तथा एडीजीसी पुष्पेंद्र सिंह चौहान ने उनके अपराध को देखते हुए कड़ी सजा देने की दलील दी। जिला जज अनिल कुमार ने तीनों को आजीवन कारावास की सजा सुनाकर 30-30 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। उनको अदालत से ही जेल भेज दिया है।
-आश्रितों को मिलेगी आधी धनराशि
हत्यारोपी तीनों सगे भाइयों पर 90 हजार रुपया का जुर्माना लगाया गया है। डीजीसी वीरेंद्र कुमार मिश्रा ने बताया कि जिला जज ने आदेश में लिखा है कि जुर्माने की धनराशि में से अधी धनराशि 45 हजार रुपया मृतक की मां शकुंतला तथा छोटे भाई संजीव को प्रतिकर के रूप में दी जाएगी।
सजा दिलाने को प्रभावी पैरवी की
प्रदीप की मां शकुंतला ने प्रदीप की हत्या करने वालों को सजा दिलाने के लिए अदालत में प्रभावी पैरवी की। हर तारीख पर शकुंतला अदालत पहुंची। तय तारीख पर गवाहों की गवाही कराने के लिए पहल की। मुकदमे में 22 गवाहों ने अदालत में गवाही दी। बेटे की हत्या करने वालों को मंगलवार को सजा होने पर शकुंतला के मुंह से यही निकला जैसा किया वैसा ही भरा।
हिस्ट्रीशीटर हैं तीनों भाई
प्रदीप की हत्या करने वाले सगे भाई घनश्याम, शेषराम, देवेंद्र हिस्ट्रीशीटर अपराधी हैं। एडीजीसी पुष्पेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि उनके खिलाफ दो दर्जन से अधिक गंभीर धाराओं के मुकदमे विभिन्न थानों में दर्ज हैं। गैंगेस्टर का मुकदमा दर्ज होने के कारण उनकी संपत्ति को प्रशासन के हक में कुर्क किया जा चुका है।
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