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डॉल्फिन
– फोटो : Social media
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आगरा के बाह से अच्छी खबर है कि एशिया की सबसे बड़ी घड़ियाल सेंक्चुअरी में डॉल्फिन की संख्या 35 फीसदी का इजाफा हुआ है। तीन राज्यों मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में होकर बहने वाली चंबल नदी के 435 किमी क्षेत्र में पिछले साल की 71 के मुकाबले अब 96 डॉल्फिन मिली हैं।
फरवरी में पाली (राजस्थान) से लेकर पचनदा (इटावा) तक 15 दिन चली गणना के आंकड़े जारी होने पर वन विभाग का अमला उत्साहित है। 1996 में आईयूसीएन की लुप्तप्राय जलीय जीवों में डॉल्फिन को शुमार किया गया था। ये भारत, बांग्लादेश, नेपाल, पाकिस्तान में ही बची हैं।
5 अक्तूबर 2009 में डॉल्फिन को राष्ट्रीय जलीय जीव घोषित कर संरक्षण के लिए चंबल नदी को चुना गया था। वर्ष 2021 में डॉल्फिन की आबादी 82 थी, लेकिन 2022 में आबादी घटकर 71 हुई तो वन विभाग का अमला चिंतित हो उठा था। बाढ़ को इसका कारण माना जा रहा था, लेकिन इस साल बाढ़ के बाद भी 25 डॉल्फिन बढ़ने के साथ इनका कुनबा 96 हो गया है। बाह के रेंजर आरके सिंह राठौड़ ने बताया कि बाह रेंज की गणना में 19 डॉल्फिन मिली थी। जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है। चंबल का पानी डॉल्फिन के लिए मुफीद साबित हो रहा है।
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