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कासगंज। नए शिक्षा सत्र एक दिन बाद शुरू होने जा रहा है लेकिन बाजार में माध्यमिक कक्षाओं की एनसीईआरटी की किताबें अभी तक नहीं आ सकी हैं। ऐसे में स्कूलों में शिक्षण कार्य पर असर पड़ सकता है, जिससे छात्र छात्राएं चिंतित नजर आ रहे हैं।
शासन से कक्षा 9 से 12 तक की पढ़ाई में एनसीईआरटी पाठ्यक्रम लागू कर रखा है। छात्र-छात्राओं को सस्ती किताबें उपलब्ध कराने के लिए सरकार द्वारा कुछ पब्लिकेशन को किताबों के प्रकाशन की अनुमति दी जाती है, लेकिन इसमें भी खेल होता है। कुछ निजी पब्लिकेशन एनसीईआरटी पाठ्यक्रम की अपनी किताबों को छापकर बाजार में उतार देते हैं। इनमें पाठ्यक्रम तो एनसीईआरटी का ही होता है, लेकिन इन किताबों की कीमतों में एनसीईआरटी की सरकारी किताबों से काफी अंतर रहता है।
कक्षा 9 व 10 की सरकारी किताबों का कोर्स लगभग 300 रुपये का है। जबकि निजी पब्लिकेशन की इसी कोर्स की किताबें 600 रुपये तक उपलब्ध होती हैं। इसीक्रम में कक्षा 11 व 12 के एनसीईआरटी विज्ञान वर्ग कोर्स की किताबें 500 रुपये मूल्य में उपलब्ध होती है। जबकि इसी कोर्स की निजी पब्लिकेशन की किताबें 2400 रुपये में मिलेंगी। निजी पब्लिकेशन की किताबें तो बाजार में पूरे साल ही उपलब्ध रहती हैं। जबकि सरकारी पब्लिकेशन की किताबें काफी बिलंब से ही बाजार में उपलब्ध हो पाती है। शिक्षा सत्र शुरू होने जा रहा है, लेकिन अभी तक एनसीईआरटी की किताबें बाजार में नहीं आई हैं, जबकि निजी पब्लिकेशन की किताबों की बाजार में भरमार है।
एनसीईआरटी की किताबों की कीमतों में वृद्धि होने की संभावना जताई जा रही है, जिसके चलते अभी तक बाजार में किताबें नहीं आ सकी है।-संजीव कुमार, विक्रेता
एनएसीईआरटी की किताबें पब्लिकेशन से बिलंब से मिल पाती है, जिससे बाजार में समय से इनकी उपलब्धता नहीं हो पाती। वैसे जल्द किताबें आने की संभवना जताई जा रही है। विवेक बंसल, विक्रेता
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