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कासगंज। कोरोना का खतरा सिर पर मंडरा रहा है, लेकिन जिले में डेढ़ माह से एक भी वैक्सीन नहीं है। जबकि जिले के लोगों के पूरी तरह से प्रतिरक्षित होने के लिए 8.32 लाख वैक्सीन की अभी आवश्यकता है। अधूरा वैक्सीनेशन लोगों के लिए खतरा बन सकता है।
जिले में कोरोना की तीनों लहरों में सरकारी आंकड़ों के आधार पर 4998 लोग कोरोना की चपेट में आए, जिसमें से 55 लोगों की मौत हो गई। जबकि काफी संख्या में लोग बाहरी जनपदों में भी इलाज के दौरान मौत के आगोश में समा गए। कोरोना का टीकाकरण शुरू होने के बाद ही खतरा कम हुआ। 13 सितंबर 2022 को कोरोना का मामला सामने आया था। इसके बाद से अभी तक कोरोना का कोई मामला सामने नहीं आया है, लेकिन पड़ोसी जनपद हाथरस, अलीगढ़, मथुरा एवं आगरा के अलावा प्रदेश के लखीमपुर खीरी के कस्तूरबा स्कूल में काफी संख्या में छात्राएं संक्रमित निकली हैं। अन्य जिलों में भी कोरोना के मामले आने लगे हैं।जिससे जिले में भी कोरोना के फिर से फैलने की संंभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।
कोरोना के वैक्सीनेशन की बात की जाए तो जिले के सभी लोग अभी तक पूरी तरह से प्रतिरक्षित नहीं हुए हैं। 120883 लोगों को अभी भी दूसरी डोज नहीं लगी है। वहीं 18 साल से ऊपर आयु के 711968 लोगों को बूस्टर डोज लगनी है। 9 फरवरी को जिले में कोरोना की वैक्सीन पूरी तरह से समाप्त हो गई। इसके बाद अभी तक वैक्सीन नहीं आई है।
कासगंज। जिले में 12 साल से नीचे की आयु के लगभग 6 लाख बच्चे जिले में निवास करते हैं, लेकिन अभी तक इन बच्चों के लिए वैक्सीनेशन की कोई व्यवस्था नहीं हो सकी है। कोरोना फैलने पर इन बच्चों के लिए खतरा बढ़ सकता है।
जिले में कोरोना की वैक्सीन पूरी तरह से समाप्त हो चुकी है। यदि शासन से वैक्सीन उपलबध कराई जाती है तो विभाग लोगों को फिर से टीके लगाने शुरू कर देगा। डा. अंजुश, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी
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