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कासगंज। निकाय चुनाव के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा हरी झंडी दे दिए जाने के बाद चुनाव का रास्ता साफ हो गया है। इसके साथ ही अब दावेदारों की निगाहें आरक्षण सूची जारी होने पर टिक गई है। पूर्व में प्रस्तावित सूची में जिले में ओबीसी के हिस्से में दो सीटें आई र्थी। निकाय चुनाव के लिए आरक्षण निर्धारित करने को वर्ष 2017 का आधार मानकर सीटों का आरक्षण निर्धारित किया गया। इस आरक्षण में विसंगतियों को देखते हुए मामला कोर्ट में चला गया। इसके बाद आरक्षण की सूची पर अंतिम मुहर नहीं लग सकी। चुनाव का मामला लटक गया। शासन से जो प्रस्तावित सूची तैयार करके भेजी गई उसमें तीन नगर पालिकाओं में सोरों नगर पालिका अन्य पिछड़ा वर्ग महिला और सात नगर पंचायतों में नगर पंचायत मोहनपुर ओबीसी के हिस्से में आई। जिले की एक नगर पालिका एवं छह नगर पंचायतें अनारक्षित रखी गई। जबकि एक नगर पालिका महिला के हिस्से में आई। अनुसूचित जाति के हिस्से में जिले की 10 निकायों में से एक भी सीट नहीं आई।
चुनाव मैदान में उतरने वाले दावेदारों की निगाहें भी कोर्ट के फैसले पर लगी हुई थी। कोर्ट से जैसे ही निकाय चुनाव कराने के लिए हरी झंडी दी, दावेदारों के चेहरे खिल उठे। दावेदार अब आरक्षण की अंतिम सूची जारी होने का इंतजार करने लगे हैं ताकि चुनाव में अपनी दावेदारी की जा सके। भाजपा जिला अध्यक्ष केपी सिंह सोलंकी का कहना है निकाय चुनाव के लिए जो बाधाएं आ रही थी वे अब हट गई है। जल्द ही अधिसूचना जारी होगी और निकाय चुनाव कराए जाएंगे।
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