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मैनपुरी। बुधवार को सुबह लोग उठे तो उन्हें सर्दियों जैसे नजारा दिखाई दिया। हर तरफ धुंध छाई हुई थी। हालांकि दिन चढ़ने के साथ धीरे-धीरे धुंध छटती गई। मौसम वैज्ञानिक के अनुसार धुंध छाने का मुख्य कारण वाष्पीकरण ही रहा। वहीं, धूप निकलने से किसानों ने कुछ राहत की सांस भी ली है। बृहस्पतिवार को हल्के बादल छाए रहने की आशंका है।
लगभग एक सप्ताह बाद बुधवार को मौसम साफ रहा। सुबह हर तरफ धुंध छाई रही, इससे लोगों को सर्दियों के मौसम का अहसास हुआ। बारिश होने के चलते सुबह सर्दी भी महसूस हुई। लेकिन दिन चढ़ने के साथ धुंध तो छट ही गई साथ ही धूप निकलने से तापमान भी बढ़ गया। दिन में अधिकतम तापमान जहां 27 डिग्री सेल्सियस रहा तो वहीं न्यूनतम तापमान 17 रहा। धुंध को लेकर लोगों में हैरानी थी, लेकिन मौसम विज्ञान के अनुसार ये कोई अनोखी बात नहीं है।
कृषि विज्ञान केंद्र के मौसम वैज्ञानिक नरेंद्र कुमार वर्मा ने बताया कि बारिश के चलते मौसम में नमी बढ़ गई थी। इसी के कारण पानी का वाष्पीकरण भी बढ़ गया। इसी के चलते लोगों को वाष्पीकरण धुंध के रूप में नजर आया। उन्होंने बताया कि बृहस्पतिवार को हल्के बादल छाए रहने की आशंका है, लेकिन बारिश होने की आशंका बहुत कम है। अब तक प्रशासन ने बारिश से हुए नुकसान के आकलन के लिए कोई सर्वे शुरू नहीं कराया है।
फसलें सुखाने में जुटे किसान
धूप निकली तो किसानों के माथे से चिंता की लकीरें कुछ कम हुईं। सुबह से ही किसान खेतों में पहुंच गए थे। किसानों ने खेतों में कटी पड़ी सरसों की फसल को उलट पलटकर सुखाने का प्रयास किया। ताकि दोबारा मौसम खराब होने से पहले सरसों की थ्रेसिंग करवाकर फसल को घर पहुंचाया जा सके।
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