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मैनपुरी। विद्युत निगम कर्मचारियों की हड़ताल से दूसरे दिन जिले में बिजली व्यवस्था ध्वस्त हो गई। जिले के तीन सौ गांवों में जहां शुक्रवार रात से आपूर्ति ठप है तो वहीं आधे शहर में भी दस घंटे आपूर्ति बाधित रही। टीजी-2 के सहारे आपूर्ति शुरू कराना नामुमकिन है। वहीं, अब तक प्रशासन विद्युत आपूर्ति सुचारू कराने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है। विद्युत निगम के अधीक्षण अभियंता से लेकर अवर अभियंता और लाइनमैन तक सब बीते दो दिन से हड़ताल पर हैं। हड़ताल के दूसरे दिन शनिवार को बिजली व्यवस्था ध्वस्त हो गई। 33 केवी लाइन में आए फाल्ट से पांच विद्युत उपकेंद्र पूरी तरह बंद पड़ गए। इसमें विद्युत उपकेंद्र सिमरऊ, तखरऊ, अंडनी, बुझिया और कुर्रा शामिल हैं। इन उपकेंद्रों से पोषित जिले के तीन सौ गांवों में बिजली नहीं आ रही है। लगभग 24 घंटे का समय बीतने के बाद भी अब तक आपूर्ति शुरू कराने के लिए कोई कार्रवाई शुरू नहीं हो सकी है।
विद्युत निगम टीजी-2 के सहारे व्यवस्थाएं बनाने की कोशिश कर रहा है। लेकिन ओर जहां उनकी संख्या कम है तो वहीं फॉल्ट सही करने में वे कामयाब नहीं हो पा रहे हैं। इसके चलते फिलहाल विद्युत आपूर्ति चालू होने की उम्मीद भी नहीं नजर आ रही है। रविवार को भी विद्युत निगम के कर्मचारियों की हड़ताल जारी रहेगी।
इसके अलावा कुचेला और कांकन विद्युत उपकेंद्र से भी फाल्ट के कारण दिन में आपूर्ति बाधित होती रही।
आधे शहर में दस घंटे नहीं आई बिजली
शहर के दो मुख्य विद्युत उपकेंद्रों से शनिवार को सुबह चार बजे के करीब ही आपूर्ति बाधित हो गई। दरअसल शहर के देवी रोड विद्युत उपकेंद्र और सिविल लाइन उपकेंद्र की 33 केवी लाइन में फाल्ट होने से पूरा क्षेत्र की बिजली चली गई थी। इससे देवी रोड, राजा का बाग, सौतियाना, मिश्राना, चौथियाना, कटरा, कचहरी रोड, आवास विकास, सिविल लाइन, दीवानी रोड, कलेक्ट्रेट समेत बड़े क्षेत्र में बिजली नहीं आई। सुबह-सुबह बिजली कटौती के चलते पानी के लिए भी लोगों को परेशानी उठानी पड़ी। किसी तरह टीजी-2 व अन्य के सहारे विद्युत निगम ने दस घंटे बाद ये आपूर्ति चालू कराई। इसके बाद शनिवार को दोपहर दो बजे बिजली आपूर्ति मिल सकी।
शटडाउन नहीं दे रहे अधिकारी
पहले तो विद्युत निगम के पास हड़ताल के चलते फाल्ट सही करने के लिए कर्मचारी नहीं हैं। वहीं दूसरी तरफ उनके लिए एक समस्या और खड़ी हो गई है। करहल क्षेत्र में बंद पांच विद्युत उपकेंद्रों की आपूर्ति सही कराने के लिए अगर प्रयास भी किया जाए तो ट्रांसमिशन लाइन से उन्हें शटडाउन नहीं दिया जा रहा है। बिना शटडाउन के 33 केवी लाइन की मरम्मत संभव ही नहीं है।
संविदाकर्मियों पर लटकी तलवार
जिले में विद्युत निगम में कार्यरत संविदाकर्मी भी हड़ताल में शामिल हो गए हैं। वे कोई भी फाल्ट सही नहीं करा रहे हैं। शासन ने सख्त आदेश दिए हैं कि हड़ताल में शामिल संविदा व ठेका कर्मचारियों को चिह्नित कर उनकी सेवा समाप्त की जाए। इसके बाद भी अब तक जिले में कार्यरत आठ सौ के करीब कर्मचारियों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इससे उनके हौसले बुलंद हैं।
कहीं तैनात है पुलिस तो कहीं खाली है विद्युत उपकेंद्र
शासन ने आदेश दिए थे कि प्रत्येक विद्युत उपकेंद्र पर सुरक्षा की दृष्टि से दो-दो पुलिसकर्मियों की तैनाती की जाएगी। लेकिन कुछ जगह पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है तो कुछ उपकेंद्र खली पड़े हुए हैं। शनिवार को शहर देवी रोड विद्युत उपकेंद्र और करहल रोड उपकेंद्र पर ही पुलिसकर्मी नहीं मिले। लेकिन प्रशासन को इसकी कोई चिंता नहीं है।
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