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मैनपुरी। रामायण सीरियल में श्रीराम की भूमिका निभाने वाले कलाकार अरुण गोविल शनिवार को नगर पहुंचे। यहां उन्होंने स्टेशन रोड पर एक होटल में पत्रकारों से वार्ता की। इस दौरान उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि रामचरित मानस के शाब्दिक अर्थ के बजाए भावार्थ पर ध्यान दें। रामचरित मानस और रामायण में कुछ भी गलत नहीं है। इसकी हर चौपाई एक सीख देती है। अरुण गोविल ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के कार्य को गौरव की बात बताया। उन्होंने बताया कि 500 साल के इंतजार के बाद यह शुभ समय आया है। रामचरित मानस की चौपाई को लेकर राजनीति में विवाद के सवाल पर उन्होंने कि हमारे महान ग्रंथों से किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ या उन्हें लेकर विवाद की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि रामायण और रामचरित मानस के शाब्दिक अर्थों पर ध्यान न दें उनके भाव को समझें। हमारे महा पुरुषों ने जो भी लेख लिखे हैं उनका भाव क्या था उसके भावार्थ को समझने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि यदि मानव के जीवन में रामायण का 10 या 20 प्रतिशत भाग भी आ जाता है तो समझना चाहिए कि वह इस भव सागर से तर गया। उन्होंने कहा कि रामायण की प्रत्येक चौपाई हमें कुछ न कुछ सीख देती है। रामायाण में दुश्मनी निभाने में एक मर्यादा बताई गई है।
वर्तमान समय में धार्मिक ग्रंथों और फिल्मों में महापुरुषों के चरित्र के साथ हो रहे परिवर्तन के सवाल पर अरुण गोविल ने भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि किसी भी महापुरुष के वास्तविक चरित्र के साथ किसी प्रकार का खिलवाड़ नहीं करना चाहिए। वे मैनपुरी में श्री देवी मेला एवं ग्राम सुधार प्रदर्शनी में आयोजित होने वाले एक कार्यक्रम में भाग लेने आए थे। देश और प्रदेश में राम राज्य के सवाल पर उन्होंने कहा कि राम के राज्य में किस प्रकार का अनुशासन और व्यवहार था। उस प्रकार का अनुशासन और व्यवहार दिखाई दे तो समझ लीजिए कि राम राज्य है। स्पष्ट रूप से वे इस सवाल का जवाब देने से बचते दिखे।
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