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मैनपुरी। बीएसए दीपिका गुप्ता ने विद्यालय से अनुपस्थित रहने वाले इंचार्ज प्रधानाध्यापक का वेतन रोक दिया है। वहीं पूर्व में संबधित शिक्षक की सही जांच न कर क्लीन चिट देने पर खंड शिक्षाधिकारी करहल को नोटिस जारी किया गया है। इंचार्ज प्रधानाध्यापक और खंड शिक्षाधिकारी को नोटिस जारी कर तीन दिन में जवाब मांगा गया है।
करहल विकास खंड के कंपोजिट विद्यालय सिकंदरपुर पर तैनात इंचार्ज प्रधानाध्यापक ओमनारायण तिवारी की पिछले कई महीनों से बीएसए कार्यालय और महानिदेशक स्कूली शिक्षा से शिकायत की जा रही थी। महानिदेशक स्कूली शिक्षा से की गई शिकायत के आधार पर बीएसए दीपिका गुप्ता ने खंड शिक्षाधिकारी करहल सुबोध पाठक को 27 अगस्त 2022 को जांच करने के आदेश दिए थे। इंचार्ज प्रधानाध्यापक पर खंड शिक्षाधिकारी की मदद से शिक्षकों का शोषण करने आरोप भी लगाए गए थे।
खंड शिक्षाधिकारी करहल सुबोध पाठक ने एक सितंबर 2022 को जांच आख्या प्रस्तुत की जिसमें इंचार्ज प्रधानाध्यापक ओमनारायण तिवारी के विरुद्ध की गईं शिकायदें निराधार बताई गईं। बीएसए ने महानिदेशक को शिकायत के निस्तरण की जानकारी भेजी तो महानिदेशक ने शिकायत के निस्तारण को वापस करते हुए पुन: जांच के आदेश दिए। बीएसए दीपिका गुप्ता ने 15 मार्च को स्कूल पहुंचकर निरीक्षण किया।
निरीक्षण के दौरान बीएसए को इंचार्ज प्रधानाध्यापक ओमनारायण बिना किसी जानकारी के अनुपस्थित मिले। बीएसए ने ग्रामीणों से जानकारी जुटाई तो ग्रामीणों ने बताया कि इंचार्ज प्रधानाध्यापक जब कभी ही विद्यालय आते हैं। निरीक्षण के दौरान बीएसए को विद्यालय में शिक्षा का स्तर निम्र मिला। कक्षा पांच के बच्चे हिंदी की किताब नहीं पढ़ पाए। बीएसए को पंजीकृत 181 बच्चों के सापेक्ष मात्र 76 बच्चे उपस्थित मिले।
बीएसए ने एमडीएम की जांच में पाया कि 76 बच्चों के लिए मात्र पांच लीटर दूध मंगाया गया था जो मानक के अनुसार नहीं था। वहीं 13 मार्च को एमडीएम में लाभार्थी की संख्या दर्ज नहीं की गई थी। बीएसए ने पिछले तीन महीनों से लगातार 110-120 एमडीएम लाभार्थी की संख्या दर्ज पाने पर माना कि एमडीएम में घपला किया जा रहा है। बीएसए ने तत्काल प्रभाव से प्रधानाध्यापक का वेतन रोकने की कार्रवाई की। वहीं पूर्व में सही जांच न किए जाने पर खंड शिक्षाधिकारी सुबोध पाठक को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
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