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मुझे कानपुर जाना है. अब तक बस नहीं मिली है. जो बस जा भी रहीं है तो उनमें भीड़ इतनी है कि पैर रखने की भी जगह नहीं है. आईएसबीटी बस स्टेशन पर खड़े नरेंद्र को ही सिर्फ इसी तरह की दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ा, बल्कि घर जा रहे अधिकतर पैसेंजर्स को सवारी वाहनों के इंतजार में इसी तरह की दिक्कतों से जूझना पड़ा.
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