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ताजगंज स्थित पुरानी मंडी निवासी नरेंद्र सिंह सिकरवार को टीबी संक्रमण हो गया था. डॉट सेंटर से उनका इलाज शुरू हो गया. दो माह बाद उन्होंने दवा छोड़ दी. 15 दिन तक दवा न खाने से उनकी समस्या और ज्यादा बढ़ गई. इसके बाद उनका दोबारा से इलाज शुरू हुआ. इस बार नरेंद्र ने दवाएं नहीं छोड़ी और वह स्वस्थ हो गए. अब वह टीबी चैंपियन बन अन्य टीबी मरीजों को जागरुक कर रहे हैं.
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टीबी की दवा छोडऩा हो सकता है गंभीर, टीबी का ट्रीटमेंट बीच में छोडऩे से हो सकती है एमडीआर टीबी
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