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कुष्ठ रोग कोई दैवीय आपदा या ईश्वर का शाप नहीं है. बल्कि यह एक बीमारी है, जो किसी को भी हो सकती है. कुष्ठ रोग को शाप या छुआछूत का रोग समझकर कुष्ठ रोगी से भेदभाव न करें. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने कुष्ठ रोग व कुष्ठ रोगियों के प्रति लोगों को काफी जागरुक किया था.
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