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बताया कि धर्मशाला नीचे की तरफ है, जबकि मकान टीले पर बने हुए हैं। तोड़फोड़ की धमक रोजाना लोगों को सुनाई दे रही थी। मकानों में दरार आने पर धर्मशाला में कार्य कर रहे लोगों से शिकायत की गई। मगर, कोई सुनवाई नहीं हुई। दो महीने पहले बेसमेंट की खुदाई का कार्य शुरू हुआ था। कई मशीनें काम कर रही थी। इससे मोहल्ले में कंपन भी रहता था।
धर्मशाला के पीछे रहने वाले राहुल ने बताया कि धमक की वजह से उनके मकान में दरार आ गई थी। वह मकान खाली करने की तैयारी कर रहे थे। शिकायत करने पर धर्मशाला संचालक ने उनके मकान की दरारों में सीमेंट भरवा दिया था।
पीडब्ल्यूडी में प्रधान सहायक मनोज ने बताया कि धमक आने पर दिवाली पर उन्होंने मकान खाली कर दिया था। उन्हें पहले ही हादसे की आशंका थी। हादसे में राहुल और मनोज के मकान भी गिरे है। पास ही तकरीबन 16 साल पुराना भूपेश्वर नाथ मंदिर भी है। इसका भी पिछला हिस्सा गिर गया गनीमत रही है कि कोई मौजूद नहीं था।
धर्मशाला में सुरक्षा मानकों की अनदेखी करके बेसमेंट की खुदाई से 4 साल की रूशाली को अपनी जान गंवानी पड़ी। उसका एक दिन पहले ही चौथा जन्मदिन मनाया गया था। परिवार में खुशियां थी। सुबह ही उसे दादा छत से लेकर अपने कमरे में लाए थे। धमक की वजह से पहले ही मकान में दरार आ गई थी। वह मकान खाली करने की तैयारी कर रहे थे। तभी हादसा हो गया। बेटी की मौत से परिवार में कोहराम मचा हुआ है। लोग बस यही कह रहे हैं कि लापरवाही करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
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