[ad_1]
arrest symbol
– फोटो : amar ujala
विस्तार
आगरा में एसएससी जीडी परीक्षा में पुलिस ने दो सॉल्वरों को पकड़ा है। यह दोनों दूसरे परीक्षार्थियों के स्थान पर परीक्षा देने आए थे। इसके बदले इन्हें 50-50 हजार रुपए मिलने थे। आरोपियों से पूछताछ की जा रही है।
मामला सैंया थाना क्षेत्र के तेहरा गांव स्थित कुनाल कॉलेज का है। यहां सोमवार को एसएससी जीडी की परीक्षा आयोजित थी। परीक्षा की द्वितीय पाली में परीक्षार्थियों को प्रवेश पत्र और आधार कार्ड चेक करने के बाद प्रवेश मिल रहा था। इसी दौरान दो परीक्षार्थी संदिग्ध नजर आए। इस पर उनसे पूछताछ की गई। वह सही से जवाब नहीं दे पा रहे थे। इस पर कॉलेज प्रशासन ने पुलिस को सूचना दी।
सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस की पूछताछ में दोनों ने सॉल्वर होने की बात कबूल की। आरोपियों में फिरोजाबाद जिले के एका थाना क्षेत्र अंतर्गत आने वाले गीगना गांव निवासी रिंकू और फतेहाबाद निवासी राहुल शामिल हैं। रिंकू, बजरिया गांव निवासी आशुतोष कुमार और राहुल, उझावली गांव निवासी संजीव कुमार के स्थान पर परीक्षा देने आया था।
थानाध्यक्ष सुमनेश कुमार ने बताया कि आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि वह 50-50 हजार रुपये में सॉल्वर बनकर आए थे। इसके लिए 15 दिन पहले दोनों से अलग-अलग व्यक्ति ने बात की थी। तीन दिन पहले रकम दी गई थी। दो दिन पहले फर्जी दस्तावेज देकर गए थे। मगर, कॉलेज की चेकिंग में वो पकड़ लिए गए।
स्कैन करके बनाते हैं फर्जी प्रवेशपत्र
पुलिस ने बताया कि परीक्षा में पास कराने का ठेका लेने वाला एक बड़ा गिरोह काम कर रहा है। वह कोचिंग में तैयारी करने वाले युवाओं को जाल में फंसाता है। रिंकू और राहुल भी कोचिंग में तैयारी कर रहे हैं। वो स्नातक कर चुके हैं। राहुल ने हाल ही में लेखपाल भर्ती की परीक्षा दी थी। उसका परिणाम आना है। वहीं रिंकू भी सरकारी नौकरी की तैयारी में लगा है। कोचिंग में पढ़ने के दौरान ही दोनों से अलग-अलग सॉल्वर गैंग के सदस्य मिले थे। कहा था कि बस परीक्षा देनी है। 50 हजार रुपये मिल जाएंगे। फर्जी दस्तावेज उन्हें दे दिए जाएंगे। किसी तरफ की धरपकड़ नहीं होगी।
बताया कि आरोपी परीक्षार्थी के प्रवेश पत्र को स्कैन करते हैं। इसके बाद सॉल्वर की फोटो लगा दी जाती है। इसका प्रिंट निकाल लिया जाता है। यह असली जैसा लगता है। इसके साथ ही फर्जी आधार कार्ड भी तैयार करते हैं। असली परीक्षार्थी के आधार कार्ड पर भी अपना फोटो लगाकर सॉल्वर के लिए तैयार करते हैं। यह आधार कार्ड नकली होता है। परीक्षा केंद्र पर बस आधार कार्ड और प्रवेश पत्र देखा जाता है। बायोमैट्रिक सत्यापन परीक्षा में पास होने के बाद होता है।
सैंया में ही पकड़ा गया था गिरोह, बनाते थे फिंगर प्रिंट
बताते चलें कि सैंया में यह पहला मामला नहीं है। 12 जनवरी को गिरोह पकड़ा गया था। इसमें छह लोग शामिल थे। दो साल्वर के साथ असली परीक्षार्थी, मास्टरमाइंड और दो सदस्य पकड़े गए थे। यह लोग फिंगर प्रिंट भी तैयार करते थे। ग्लू स्टिक को गर्म करने के बाद पोटाश, रंग मिलाकर परीक्षार्थी का अंगूठा बना लेते थे। इससे सॉल्वर बायोमेट्रिक सत्यापन में भी नहीं पकड़े जाते थे।
इसके अलावा एत्मादपुर के कालेज में भी सॉल्वर पकड़ा जा चुका है। पुलिस का कहना है कि गिरोह आगरा सहित आसपास के कोचिंग में पढ़ने वाले युवाओं को फंसाता है। उन्हें रुपयों का लालच देकर सॉल्वर बनाकर भेजता है। अब पुलिस गैंग के मास्टरमाइंड को पकड़ऩे के प्रयास में लगी है।
[ad_2]
Source link