[ad_1]
पर्यटन: रियायत की उम्मीद न राहत की
9 साल से केंद्र सरकार के बजट में ताजनगरी के पर्यटन की कोई घोषणा नहीं
माई सिटी रिपोर्टर
आगरा।
1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट का पिटारा खोलने वाली है लेकिन ताजनगरी के पर्यटन उद्यमियों को वित्त मंत्री के पिटारे से ना किसी रियायत की उम्मीद है और ना ही राहत की। दरअसल, 9 साल से केंद्र सरकार के बजट में ताजनगरी की झोली हर बार खाली रही है। केंद्र सरकार के बजट में पर्यटन के लिए कोई रियायत नहीं मिली। यहां तक कि कोरोना के 2 सालों में भी सारे होटल, एंपोरियम और इकाइयां बंद रहे लेकिन सभी सेक्टरों के उलट पर्यटन सेक्टर के लिए मदद के कदम बजट से दूर रहे। इस बार भी पर्यटन उद्यमी निराश हैं और किसी राहत की उम्मीद नहीं लगा रहे।
आगरा में फुटवियर के बाद पर्यटन से चार लाख लोग सीधे जुड़े हैं। बजट से पहले अमर उजाला ने पर्यटन उद्यमियों से बात की तो पाया कि बजट से वह नाउम्मीद हैं और कोई भी रियायत मिलेगी, ऐसा उन्होंने सोचा ही नहीं।
पर्यटन को बढ़ावा देने का मोदी सरकार ने कोई काम नही किया। इंटरनेशनल एयरपोर्ट हो या म्यूजियम, कोई घोषणा पूरी नही की। कोरोना के बुरे समय को जैसे तैसे निकाल लिया। नाउम्मीद हो चुके हैं। ताजमहल का नाम भी किसी बजट में नही आता।
राकेश चौहान, अध्यक्ष, होटल एंड रेस्टोरेंट एसो. –
बजट से कोई उम्मीद नहीं
ताजमहल के लिए केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार के बजट में मैने कोई योजना देखी नहीं। न ही अब कोई उम्मीद है। गोरखपुर, कानपुर जैसे शहरों में आगरा से ज्यादा फ्लाइट है। – राजीव सक्सेना, अध्यक्ष, टूरिज्म गिल्ड
साल 2012 में प्रयागराज में एयरपोर्ट के लिए आगरा के साथ जमीन अधिग्रहण हुआ, वहां एयरपोर्ट बन गया और फ्लाइट शुरू हो गई। आगरा में अभी बाउंड्री ही पूरी नही हुई। बजट में जो पैसे दिए थे, वो भी लैप्स हो गए।
अब आगरा में कोई भी बजट से उम्मीद नही लगाता
संदीप अरोड़ा- आगरा टूरिज्म डेवलपमेंट फाउंडेशन
हैंडीक्राफ्ट को प्रोत्साहन की जरूरत है। कोरोना काल मे हज़ारो कारीगरों ने काम छोड़ दिया। उन्हें वापस लौटने के लिए नई योजनाओं, सामाजिक सुरक्षा और हैंडीक्राफ्ट को रियायतें देने की जरूरत है। नही तो 500साल से चल रही कला समाप्त हो जाएगी
– प्रहलाद अग्रवाल, अध्यक्ष, आगरा टूरिस्ट वेलफेयर एसोसिएशन
[ad_2]
Source link