[ad_1]
बच्चों से सवाल पूछते डायट प्राचार्य
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
आगरा में जिला शिक्षा व प्रशिक्षण संस्थान (डायट) के प्राचार्य डॉ. इंद्र प्रकाश सिंह सोलंकी ने गुरुवार को परिषदीय स्कूलों का निरीक्षण किया। स्कूलों में कक्षा तीन और चार के विद्यार्थी हिसाब-किताब जैसे लिखे शब्दों को भी पढ़ नहीं पाए। कक्षा छह से आठ तक के विद्यार्थियों को सामान्य गुणा, भाग के सवाल हल करने में परेशानी हुई। कुछ स्कूलों में विद्यार्थियों की उपस्थिति भी 50 फीसदी से कम रही।
डायट प्राचार्य ने बताया कि कंपोजिट विद्यालय, राजनगर में विद्यार्थियों की शैक्षणिक गुणवत्ता संतोषजनक नहीं थी। विद्यार्थी अपनी कक्षा के स्तर वाले गुणा व भाग के सवाल नहीं हल कर पाए। हिंदी के शब्दों को भी अधिकतर विद्यार्थी नहीं पढ़ पा रहे थे। शिक्षकों को अतिरिक्त समय देकर शिक्षा का स्तर सुधारने की नसीहत दी गई।
डायट प्राचार्य ने बताया कि राजकीय कन्या जूनियर हाईस्कूल में भी शिक्षा का स्तर निम्न स्तर का था। जबकि स्कूल में आठ शिक्षक हैं। शिक्षकों से स्पष्टीकरण मांगा गया है और उनको चेतावनी दी गई कि एक हफ्ते में सुधार नहीं दिखा तो उन्हें किसी अन्य स्कूल में भेज दिया जाएगा।
दो स्कूलों में विद्यार्थियों ने दिए प्रश्नों के जवाब
डायट प्राचार्य ने बताया कि कंपोजिट विद्यालय, टेढ़ी बगिया व प्राथमिक विद्यालय पीलीपोखर में शिक्षा की गुणवत्ता ठीक मिली। विद्यार्थियों ने गणित के प्रश्नों के जवाब फटाफट दिए। पीलीपोखर स्थित विद्यालय में तो कक्षा एक के विद्यार्थियों ने भी फटाफट जवाब दिए। प्रधानाध्यापिका पूजा सक्सेना व शिक्षामित्र रेनू बाला को प्रोत्साहन प्रमाणपत्र दिया गया।
341 में से 114 विद्यार्थी उपस्थित मिले
कंपोजिट विद्यालय, राजनगर में पंजीकृत 341 में से महज 114 विद्यार्थी ही उपस्थित मिले। राजकीय कन्या जूनियर हाईस्कूल में 74 में से महज 18 छात्राएं उपस्थित थीं। कंपोजिट विद्यालय टेढ़ी बगिया में 352 में से 200 व प्राथमिक विद्यालय, पीलीपोखर में 145 में से 107 विद्यार्थी उपस्थित रहे। विद्यार्थियों की उपस्थिति बढ़ाने के निर्देश दिए गए। डायट प्राचार्य ने विकासखंड खंदौली में आयोजित प्रधानाध्यापकों की बैठक में पढ़ने में कमजोर विद्यार्थियों पर अधिक ध्यान देने पर जोर दिया गया।
[ad_2]
Source link