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कासगंज। खटारा हो चुकी 9 बसें पिछले वर्ष नवंबर और दिसंबर में डिपो के बेड़े से हटाई जा चुकी है। इस वर्ष आठ और बसें खटारा घोषित होने की कतार में है। इन बसों की समय सीमा पूर्ण हो चुका है, लेकिन किलोमीटर पूर्ण नहीं हुए। जैसे जैसे संचालन के किलोमीटर पूरे होते जाएंगे, वैसे ही बसे डिपो के बेड़े से हट जाएंगी। जिसके बाद यात्रियों को बसों की किल्लत हो सकती है।
नवंबर माह में संचालन के किलोमीटर एवं समय सीमा पूर्ण कर चुुकी 8 बसों को बेड़े से हटाकर नीलामी के लिए भेज दिया था। इसके बाद 1 बस और दिसंबर में खटारा हो गईं। जिन्हें डिपो से हटाकर नीलामी के लिए भेजा गया। जिसके बाद केवल 54 बसें ही निगम की शेष बेड़े में शेष है। अब आठ और बसें ऐसी चिह्नित की गई हैं, जिनकी पंजीकरण की समय सीमा समाप्त हो चुकी है। इन बसों के संचालन के किलोमीटर पूर्ण नहीं हुई है। संचालन पूूर्ण होने पर इनके भी बेड़े से हटाने की तैयारी है। जिसके बाद बसों की किल्लत से यात्रियों को दिक्कतें हो सकती है।
ये हैं मानक:
बसों के पंजीयन के समय से आयु 10 वर्ष पूरी हो जाने और 11 लाख किलोमीटर का सफर तय कर लिए जाने के बाद बसों को कंडम घोषित कर दिया जाता है। जिसके चलते पिछले वर्ष दिसंबर तक 9 बसें कंडम घोषित होकर नीलामी को गई है। वहीं 8 बसें और किलोमीटर पूरे होते ही कंडम हो जाएंगी।
बसों और यात्रियों का हाल:
– 63 बसें थी नवंबर में डिपो के बेड़े में
– 9 बसें कंडम होने से हट गई थीं पिछले वर्ष दिसंबर तक
– 54 बसें ही शेष रह गई हैं निगम की
– 19 बसें हैं अनुबंधित
– 73 बसें हैं वर्तमान में डिपो के बेड़े में
– 11000 यात्री औसतन यात्रा करते प्रतिदिन
बसों की किल्लत यात्रियों को दिक्कतें नहीं होने दी जाएंगी। बसों के फेरे बढ़ाए जा रहे है। आगामी समय में शीघ्र ही नई बसों के मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। निजी बसों को भी अनुबंधित किया जा सकता है, प्रक्रिया चल रही है। – ब्रजेश कुमार, डिपो प्रभारी।
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