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मैनपुरी। विकास खंड किशनी की ग्राम पंचायत समान में विकास कार्यों में फर्जीवाड़ा साबित हुआ है। जांच रिपोर्ट के आधार पर जिला पंचायत राज अधिकारी पूर्व प्रधान और दो सचिवों समेत कुल पांच लोगों से 3.09 लाख रुपये की वसूली के आदेश जारी किया है। इसमें जिम्मेदारी के अनुसार सभी का हिस्सा निर्धारित किया गया है। ये धनराशि उन्हें पंचायत राज विभाग के खाते में जमा करानी होगी।
ग्राम पंचायत समान निवासी ग्रामीण मुवीन खान, त्रिलोकी आदि ने पूर्व प्रधान आरती देवी के कार्यकाल में विकास कार्यों में फर्जीवाड़े की शिकायत की थी। शिकायत पर दो बार जांच हुई, लेकिन कभी प्रधान पक्ष को नहीं सुना गया तो कभी शिकायतकर्ता को। बाद में उच्च न्यायालय के आदेश पर तत्काल डीडीओ प्रवीण कुमार राय को जांच सौंपी गई। लेकिन उनके ग्राम्य विकास आयुक्त कार्यालय संबद्ध होने जाने के चलते जांच पूरी नहीं हो सकी।
बाद में सीडीओ विनोद कुमार ने मामले का संज्ञान लेकर परियोजना निदेशक डीआरडीए केके सिंह, आचार्य क्षेत्रीय ग्राम्य विकास संस्थान धीरेंद्र कुमार और अवर अभियंता ग्रामीण अभियंत्रण विभाग की टीम गठित कर जांच के आदेश दिए थे। सितंबर के अंत में जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। इसमें ग्राम पंचायत के कटरा समार, रंपुरा, हिंदूपुर, बमनीपुर में कुल 3.09 लाख रुपये के फर्जी भुगतान की बात कही थी। सीडीओ ने जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई के लिए डीपीआरओ को आदेश दिए थे। डीपीआरओ अविनाश चंद्र ने पूर्व प्रधान आरती देवी और दो तत्कालीन सचिवों समेत कुल पांच कर्मचारियों से उनकी भागीदारी के अनुसार धनराशि की रिकवरी का आदेश जारी किया है। जल्द से जल्द ये धनराशि जमा करानी होगी।त्र
किससे कितनी धनराशि की होगी वसूली
डीपीआरओ अविनाश चंद्र ने बताया कि वसूली के लिए पृथक आदेश जारी किए हैं। इसमें पूर्व प्रधान आरती शर्मा से 1.03 लाख, तत्कालीन सचिव जितेंद्र पाल से 83694, तत्कालीन सचिव ब्रजवीर से 19405 और सेवानिवृत्त अवर अभियंता लघु सिंचाई दीप सिंह से 19405 और तकनीकी सहायक महेंद्र सिंह से 83694 रुपये की वसूली की जाएगी।
मैनपुरी। विकास खंड किशनी की ग्राम पंचायत समान में विकास कार्यों में फर्जीवाड़ा साबित हुआ है। जांच रिपोर्ट के आधार पर जिला पंचायत राज अधिकारी पूर्व प्रधान और दो सचिवों समेत कुल पांच लोगों से 3.09 लाख रुपये की वसूली के आदेश जारी किया है। इसमें जिम्मेदारी के अनुसार सभी का हिस्सा निर्धारित किया गया है। ये धनराशि उन्हें पंचायत राज विभाग के खाते में जमा करानी होगी।
ग्राम पंचायत समान निवासी ग्रामीण मुवीन खान, त्रिलोकी आदि ने पूर्व प्रधान आरती देवी के कार्यकाल में विकास कार्यों में फर्जीवाड़े की शिकायत की थी। शिकायत पर दो बार जांच हुई, लेकिन कभी प्रधान पक्ष को नहीं सुना गया तो कभी शिकायतकर्ता को। बाद में उच्च न्यायालय के आदेश पर तत्काल डीडीओ प्रवीण कुमार राय को जांच सौंपी गई। लेकिन उनके ग्राम्य विकास आयुक्त कार्यालय संबद्ध होने जाने के चलते जांच पूरी नहीं हो सकी।
बाद में सीडीओ विनोद कुमार ने मामले का संज्ञान लेकर परियोजना निदेशक डीआरडीए केके सिंह, आचार्य क्षेत्रीय ग्राम्य विकास संस्थान धीरेंद्र कुमार और अवर अभियंता ग्रामीण अभियंत्रण विभाग की टीम गठित कर जांच के आदेश दिए थे। सितंबर के अंत में जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। इसमें ग्राम पंचायत के कटरा समार, रंपुरा, हिंदूपुर, बमनीपुर में कुल 3.09 लाख रुपये के फर्जी भुगतान की बात कही थी। सीडीओ ने जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई के लिए डीपीआरओ को आदेश दिए थे। डीपीआरओ अविनाश चंद्र ने पूर्व प्रधान आरती देवी और दो तत्कालीन सचिवों समेत कुल पांच कर्मचारियों से उनकी भागीदारी के अनुसार धनराशि की रिकवरी का आदेश जारी किया है। जल्द से जल्द ये धनराशि जमा करानी होगी।त्र
किससे कितनी धनराशि की होगी वसूली
डीपीआरओ अविनाश चंद्र ने बताया कि वसूली के लिए पृथक आदेश जारी किए हैं। इसमें पूर्व प्रधान आरती शर्मा से 1.03 लाख, तत्कालीन सचिव जितेंद्र पाल से 83694, तत्कालीन सचिव ब्रजवीर से 19405 और सेवानिवृत्त अवर अभियंता लघु सिंचाई दीप सिंह से 19405 और तकनीकी सहायक महेंद्र सिंह से 83694 रुपये की वसूली की जाएगी।
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