[ad_1]
कासगंज जर्जर नदरई गेट मार्ग
– फोटो : KASGANJ
ख़बर सुनें
कासगंज शहर का बाजार चौसर के रूप में बसा हुआ है। मुख्य बाजार में बारहद्वारी से सोरों गेट, सहावर गेट, नदरई गेट, बिलराम गेट चार मार्ग हैं। इन चारों मार्गों पर ही शहर का पूरा मुख्य बाजार है। इन मार्गों से जुड़ी हुई गलियों में आबादी बसी हुई है। इससे इन बाजारों में हर समय भीड़ का दबाव रहता है। बड़ी संख्या में ई रिक्शा, दो पहिया वाहन, रिक्शा और चार पहिया वाहन भी गुजरते रहते हैं। 20 साल से सड़कों का निर्माण नहीं हुआ है। बाजार में जलभराव की भी समस्या रहती है, जिसका असर व्यापार पर पड़ता है। जर्जर हो चुकी सड़कें शहर की खूबसूरती को दाग लगा रही हैं। मुख्यमंत्री के आदेश के आदेश के बाद भी सड़कों की मरम्मत नहीं कराई गई है।
सोरों गेट मार्ग
इस मार्ग पर बारहद्वारी घंटाघर के पास ही जर्जर हो चुका है। इस मार्ग पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा भी लगी हुई है। वहीं तिराहे पर डा.अंबेडकर की प्रतिमा पार्क में लगी है। इस तिराहे पर बारिश के दिनों में काफी पानी जमा हो जाता है, जिससे लोगों को दिक्कतें होती है।
बिलराम गेट मार्ग
यह मार्ग भी काफी जर्जर हो चुका है। मार्ग से जगह जगह से गिट्टी उखड़ चुकी है। इस मार्ग पर सूत की मंडी से बिलराम गेट चौराहा तक बारिश के दिनों में जलभराव हो जाता है। ऐसे में लोगों को गंदे पानी से होकर ही आवागमन करना होता है।
नदरई गेट मार्ग
यह मार्ग बारहद्वारी से ही जर्जर हो चुका है। मार्ग पर जगह जगह गडढ़े हो चुके हैं, इस मार्ग पर गांधी मूर्ति से मुख्य बाजार की ओर ढलान है, जिससे पुराने नेशनल टाकीज से गांधी मूर्ति तक के क्षेत्र में जलभराव की समस्या हो जाती है।
सहावर गेट मार्ग
शिवाजी पार्क से ही जर्जर हो चुका है। इस मार्ग पर कई स्थानों पर सड़क धंसक चुकी है, जिससे व्यापारियों को अपनी दुकान पर जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। राह चलते लोग गिरकर चुटैल तक हो जाते हैं।
ये बोले लोग
हनुमान मंदिर के पुजारी सुदामा ने बताया कि ‘हनुमान मंदिर के पास काफी गड्ढे हो चुके हैं। जिससे भक्तों को मंदिर आते समय काफी दिक्क्तें रहती हैं। भक्त अक्सर गिर कर चुटेल हो जाते हैं।’ वहीं कारोबारी आरविंद ने बताया कि बिलराम गेट बाजार की सड़कें भी काफी जर्जर हो चुकी हैं। 20 साल पहले मार्ग का निर्माण हुआ था। काफी दिनों से पालिका ने मार्ग की मरम्मत भी नहीं कराई है, जिससे लोगों को काफी दिक्कतें होती हैं।
विस्तार
कासगंज शहर का बाजार चौसर के रूप में बसा हुआ है। मुख्य बाजार में बारहद्वारी से सोरों गेट, सहावर गेट, नदरई गेट, बिलराम गेट चार मार्ग हैं। इन चारों मार्गों पर ही शहर का पूरा मुख्य बाजार है। इन मार्गों से जुड़ी हुई गलियों में आबादी बसी हुई है। इससे इन बाजारों में हर समय भीड़ का दबाव रहता है। बड़ी संख्या में ई रिक्शा, दो पहिया वाहन, रिक्शा और चार पहिया वाहन भी गुजरते रहते हैं। 20 साल से सड़कों का निर्माण नहीं हुआ है। बाजार में जलभराव की भी समस्या रहती है, जिसका असर व्यापार पर पड़ता है। जर्जर हो चुकी सड़कें शहर की खूबसूरती को दाग लगा रही हैं। मुख्यमंत्री के आदेश के आदेश के बाद भी सड़कों की मरम्मत नहीं कराई गई है।
सोरों गेट मार्ग
इस मार्ग पर बारहद्वारी घंटाघर के पास ही जर्जर हो चुका है। इस मार्ग पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा भी लगी हुई है। वहीं तिराहे पर डा.अंबेडकर की प्रतिमा पार्क में लगी है। इस तिराहे पर बारिश के दिनों में काफी पानी जमा हो जाता है, जिससे लोगों को दिक्कतें होती है।
बिलराम गेट मार्ग
यह मार्ग भी काफी जर्जर हो चुका है। मार्ग से जगह जगह से गिट्टी उखड़ चुकी है। इस मार्ग पर सूत की मंडी से बिलराम गेट चौराहा तक बारिश के दिनों में जलभराव हो जाता है। ऐसे में लोगों को गंदे पानी से होकर ही आवागमन करना होता है।
नदरई गेट मार्ग
यह मार्ग बारहद्वारी से ही जर्जर हो चुका है। मार्ग पर जगह जगह गडढ़े हो चुके हैं, इस मार्ग पर गांधी मूर्ति से मुख्य बाजार की ओर ढलान है, जिससे पुराने नेशनल टाकीज से गांधी मूर्ति तक के क्षेत्र में जलभराव की समस्या हो जाती है।
सहावर गेट मार्ग
शिवाजी पार्क से ही जर्जर हो चुका है। इस मार्ग पर कई स्थानों पर सड़क धंसक चुकी है, जिससे व्यापारियों को अपनी दुकान पर जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। राह चलते लोग गिरकर चुटैल तक हो जाते हैं।
ये बोले लोग
हनुमान मंदिर के पुजारी सुदामा ने बताया कि ‘हनुमान मंदिर के पास काफी गड्ढे हो चुके हैं। जिससे भक्तों को मंदिर आते समय काफी दिक्क्तें रहती हैं। भक्त अक्सर गिर कर चुटेल हो जाते हैं।’ वहीं कारोबारी आरविंद ने बताया कि बिलराम गेट बाजार की सड़कें भी काफी जर्जर हो चुकी हैं। 20 साल पहले मार्ग का निर्माण हुआ था। काफी दिनों से पालिका ने मार्ग की मरम्मत भी नहीं कराई है, जिससे लोगों को काफी दिक्कतें होती हैं।
[ad_2]
Source link