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कासगंज। जिला योजना वर्ष 2022-23 के राह में इस साल रोड़े अटके हुए हैं, जिससे वित्तीय वर्ष के साढ़े आठ माह बाद भी योजना को मंजूरी नहीं मिल सकी है। ऐसे में 38 विभागों के माध्यम से होने वाले विकास कार्यों के लिए धन नहीं मिल पा रहा। धन के अभाव में इन विभागों के कार्य लटके हुए हैं।
शासन से जिला के विकास के लिए जिला योजना का संचालन किया जाता है। योजना को शासन के प्रभारी मंत्री की मौजूदगी में पास किया जाता है। योजना को पास करने के लिए एक समिति होती है। इस समिति में जिले के सांसद, विधायक, डीएम, सीडीओ, डीएसटीओ के अलावा शासन से दो सदस्य मनोनीत किए जाते हैं। इसके अलावा जिला पंचायत से दो सदस्य व निकायों से दो सदस्यों का चुनाव होता है। जिला योजना के लिए धन की व्यवस्था राज्य सरकार, केंद्र सरकार करती है। इसे अलावा जिला पंचायत व निकायों के संसाधनों से भी जिला योजना के लिए धन की व्यवस्था की जाती है।
वर्तमान वित्तीय वर्ष के लिए 20,951 लाख रुपये की योजना तैयार की गई है। इस योजना को पास करने के लिए अभी तक कोरम ही पूरा नहीं हो सका है। शासन से अभी तक जिला के न तो प्रभारी मंत्री को ही नियुक्त किया गया है और न ही दो सदस्य। वहीं, जिला पंचायत के चुनाव को लगभग डेढ़ साल का समय हो चुका है, लेकिन अभी तक जिला पंचायत के दो सदस्यों का चयन नहीं हो पाया है। जबकि निकायों के चुनाव प्रस्तावित होने से इस क्षेत्र के दो प्रतिनिधियों का चुनाव भी अटका हुआ है। इससे साढ़े माह बीत जाने के बाद भी अभी तक जिला योजना पास नहीं हो सकी है। ऐसे में इस योजना के तहत होने वाले विकास कार्यों के धन की व्यवस्था भी नहीं हो पा रही।
जिला योजना के लिए प्रस्तावित धन
राज्य सरकार से 20925.77 लाख
केंद्र सरकार से 7394.79 लाख
जिला पंचायत से शून्य
निकायों से 25.23 लाख
जिला योजना के लिए अभी शासन से कोई निर्देश नहीं मिले हैं, जिसके चलते इस साल की जिला योजना अभी तक पास नहीं हो सकी है। – सचिन, सीडीओ
जिला योजना को पास करने के लिए जो समिति होती है उसका कोरम अभी तक पूरा नहीं हो सका है। कोरम पूरा होने पर ही बैठक हो सकती है। – सुरेश कुमार, जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी
कासगंज। जिला योजना वर्ष 2022-23 के राह में इस साल रोड़े अटके हुए हैं, जिससे वित्तीय वर्ष के साढ़े आठ माह बाद भी योजना को मंजूरी नहीं मिल सकी है। ऐसे में 38 विभागों के माध्यम से होने वाले विकास कार्यों के लिए धन नहीं मिल पा रहा। धन के अभाव में इन विभागों के कार्य लटके हुए हैं।
शासन से जिला के विकास के लिए जिला योजना का संचालन किया जाता है। योजना को शासन के प्रभारी मंत्री की मौजूदगी में पास किया जाता है। योजना को पास करने के लिए एक समिति होती है। इस समिति में जिले के सांसद, विधायक, डीएम, सीडीओ, डीएसटीओ के अलावा शासन से दो सदस्य मनोनीत किए जाते हैं। इसके अलावा जिला पंचायत से दो सदस्य व निकायों से दो सदस्यों का चुनाव होता है। जिला योजना के लिए धन की व्यवस्था राज्य सरकार, केंद्र सरकार करती है। इसे अलावा जिला पंचायत व निकायों के संसाधनों से भी जिला योजना के लिए धन की व्यवस्था की जाती है।
वर्तमान वित्तीय वर्ष के लिए 20,951 लाख रुपये की योजना तैयार की गई है। इस योजना को पास करने के लिए अभी तक कोरम ही पूरा नहीं हो सका है। शासन से अभी तक जिला के न तो प्रभारी मंत्री को ही नियुक्त किया गया है और न ही दो सदस्य। वहीं, जिला पंचायत के चुनाव को लगभग डेढ़ साल का समय हो चुका है, लेकिन अभी तक जिला पंचायत के दो सदस्यों का चयन नहीं हो पाया है। जबकि निकायों के चुनाव प्रस्तावित होने से इस क्षेत्र के दो प्रतिनिधियों का चुनाव भी अटका हुआ है। इससे साढ़े माह बीत जाने के बाद भी अभी तक जिला योजना पास नहीं हो सकी है। ऐसे में इस योजना के तहत होने वाले विकास कार्यों के धन की व्यवस्था भी नहीं हो पा रही।
जिला योजना के लिए प्रस्तावित धन
राज्य सरकार से 20925.77 लाख
केंद्र सरकार से 7394.79 लाख
जिला पंचायत से शून्य
निकायों से 25.23 लाख
जिला योजना के लिए अभी शासन से कोई निर्देश नहीं मिले हैं, जिसके चलते इस साल की जिला योजना अभी तक पास नहीं हो सकी है। – सचिन, सीडीओ
जिला योजना को पास करने के लिए जो समिति होती है उसका कोरम अभी तक पूरा नहीं हो सका है। कोरम पूरा होने पर ही बैठक हो सकती है। – सुरेश कुमार, जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी
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