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तीनों नगर पंचायत
– फोटो : अमर उजाला
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एटा में स्थानीय नगर निकायों के लिए किए गए आरक्षण में इस बार तीन सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित की गई हैं। जबकि 2017 में केवल एक ही सीट महिला आरक्षित थी। 2017 में हुए निकाय चुनाव में अध्यक्ष पद पर महिलाओं के लिए आरक्षण काफी कम रहा था। केवल एटा नगर पालिका को महिलाओं के लिए आरक्षित रखा गया था। अन्य सभी नगर पालिका और नगर पंचायतों के अध्यक्ष पदों पर पुरुष लड़ सकते थे। ऐसे में महिलाओं को हिस्सेदारी पूरी नहीं मिल सकी।
पिछले चुनाव में जिले में नौ नगर निकाय थे, इस लिहाज से महिलाओं के लिए आरक्षण 9 प्रतिशत रहा। हालांकि आरक्षण प्रदेश स्तर पर सभी निकायों को मिलाकर तय किया जाता है। इस बार जिले में एक नगर पंचायत की वृद्धि हुई है। कुल दस में से महिलाओं के खाते में तीन सीटें आरक्षित की गई हैं। पूर्व में आरक्षित एटा नगर पालिका सीट तो इस बार पिछड़ा वर्ग महिला में चली गई है। जबकि नगर पालिका मारहरा की अनारक्षित सीट एससी महिला, नगर पालिका जलेसर की अनारक्षित सीट बीसी महिला और नगर पंचायत जैथरा की अनारक्षित सीट को महिला के लिए आरक्षित किया गया है।
पिछले चुनाव में अनारक्षित सीटों पर थीं 19 उम्मीदवार
पिछले निकाय चुनाव में जहां आरक्षित एटा सीट पर 13 महिलाओं ने चुनाव लड़ा था। वहीं अनारक्षित सात निकायों में भी 19 महिलाओं ने उम्मीदवारी दाखिल कर दमखम दिखाया था। हालांकि इनमें से जीत केवल एक सकीट नगर पंचायत पर ही हो सकी। अन्य सभी प्रत्याशी परास्त हो गईं।
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2017 में महिला प्रत्याशियों की स्थिति
निकाय – उम्मीदवार – परिणाम
एटा – 13 – मीरा गांधी
सकीट – 4 – डॉ. किरन सिंह
अलीगंज – 2 – दोनों पराजित
अवागढ़ – 1 – पराजित
जैथरा – 7 – सभी पराजित
निधौली कलां – 2 – दोनों पराजित
राजा का रामपुर -1 – पराजित
– जलेसर – 2 – दोनों पराजित
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