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आग की लपटों के कारण आसपास के मकानों में भी दरारें आ गईं। मकान में रखीं इन्वर्टर की बैटरियां फटने से इलाके में दहशत फैल गई थी। मकान में शाम साढ़े बजे लगी आग पर करीब सवा 10 बजे काबू पाया जा सका।
परिजन को ढांढस बंधाने पहुंचे राजनीतिक दलों के लोग
अग्निकांड के बाद बुधवार की सुबह से कस्बा में राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि एवं जनप्रतिनिधि पहुंचे। सांसद चंद्रसेन जादौन, पूर्व विधायक जसराना रामगोपाल उर्फ पप्पू लोधी, पूर्व जिलाध्यक्ष मानवेंद्र प्रताप लोधी, सुमित प्रताप सिंह, जिला पंचायत सदस्य दिनेश यादव पीड़ित परिजन से मिल उनको ढांढस बंधाया। इस दौरान सभी ने कहा कि वो पीड़ित परिवार के साथ हैं।
जल जाने के कारण बच्चों को भी दी गई मुखाग्नि
आमतौर पर बच्चों की मौत होने पर उन्हें दफनाया जाता है। वहीं उसके अंतिम संस्कार के सभी कार्य पूरे होते हैं। वहीं तेजस्वी (6 माह) पुत्री नितिन कुमार, हर्ष (12) पुत्र मनोज कुमार और भरत (8) पुत्र मनोज कुमार के मामले में ऐसा नहीं हुआ। तीनों के शव काफी हद तक जल चुके थे। जल जाने के कारण रिश्तेदारों एवं ग्रामीणों के कहने पर परिजन ने उनका दाह संस्कार ही किया। बच्चों का दाह संस्कार होते देख हर किसी आंखों से आंसू बह रहे थे। वहीं रमन प्रकाश तो दहाडे़ मारते हुए जमीन पर गिर पड़े।
पिता शव के साथ नहीं जाता
सनातन परंपरा के अनुसार बच्चे की मृत्यु होने पर पिता को अंत्येष्टि स्थल तक जाना निषेध माना जाता है। लेकिन पाढ़म में हुए अग्निकांड में मृत तीन माह की तेजस्वी के अंतिम संस्कार की पूरी प्रक्रिया उसके पिता नितिन द्वारा ही पूरी की गई।
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