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कासगंज। हिंदुस्तान यूनीलीवर लिमिटेड कंपनी की डिस्ट्रीब्यूटरशिप दिलाने के नाम पर 55 लाख रुपये की धोखाधड़ी का ममला सामने आया है। पीड़ित को विश्वास दिलाने के लिए आरोपी ने कंपनी के फर्जी दस्तावेज, मोहर और मेलआईडी का प्रयोग करते थे। डीआईजी अलीगढ़ के निर्देश पर सदर कोतवाली में मामले में संलग्न चार आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है।
शहर के मोहल्ला जय-जय राम की सांभर वाली गली निवासी मनोज कुमार गुप्ता ने बताया कि शहर के लवकुश नगर निवासी अभिनव बघेल ने उन्हें हिंदुस्तान यूनीलीवर लिमिटेड सहित कई बड़ी कंपनियों के टेंडर और ड्रिस्ट्रीब्यूटरशिप लाइसेंस दिलाने का वादा किया। डिस्ट्रीब्यूटरशिप दिलाने के नाम पर उसने मुझे नोएडा सेक्टर 63 स्थित अपने कार्यालय पर बुलाया। खुद को कंपनी का प्रबंधकीय समिति का सदस्य बताया। इस दौरान उसने कंपनी का डिस्ट्रीब्यूटरशिप लाइसेंस दिलाने के लिए मुझसे पैसों की मांग की। पीड़ित का आरोप है कि इस दौरान उसने कंपनी के कई दस्तावेज और समझौते आदि से संबंधित प्रपत्र भी मेल आईडी के जरिए मुझे अग्रेसित किए। पीड़ित ने तीन बैंक खातों के माध्यम से कुल 55 लाख रुपये की रकम समय-समय पर उसके खाते में ट्रांसफर की। कुछ दिनों बाद आरोपी अभिनव ने उसकी कॉल उठाना और मैसेज का जवाब देना बंद कर दिया। इसके बाद दिसंबर 2021 में उसकी काल और मैसेज ब्लाक कर दिए। पीड़ित पुन: नोएडा स्थित उसके कार्यालय पहुंचा तो कार्यालय बंद मिला। इसके बाद जब ग्रेटर नोएडा गौर सिटी में उसके आवास पर जाकर उससे संपर्क किया गया तो आरोपी ने काम न होने की बात कहकर 55 लाख रुपये का चैक पीड़ित को दिया जो कि बाउंस हो गया। इसके बाद आरोपी से संपर्क न होने
और उसका पता न लगने पर उसके पिता राम प्रकाश पाल निवासी लवकुशनगर कालोनी से संपर्क किया गया तो उन्होंने अभिनव की जानकारी होने से इंकार करते हुए घर आने पर धमकी दी। पीड़ित का आरोप है कि अभिनव द्वारा प्रयोग की गई कंपनी की ईमेलआईडी, मोहरें और अन्य दस्तावेज फर्जी हैं। उन्होंने डीआईजी को अभिनव, उसके पिता रामप्रकाश पाल, भूपेंद्र सिंह धनगर निवासी कोल, थाना अकराबाद, ्अलीगढ़ और नीतिश कुमार निवासी दीवनहीड, कटिहार, बिहार के खिलाफ मामले में तहरीर दी है। डीआईजी, अलीगढ़ के निर्देश पर शहर कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया है। थाना प्रभारी वीरेंद्र प्रताप गिरि ने कहा कि तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। मामले की जांच कर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
कासगंज। हिंदुस्तान यूनीलीवर लिमिटेड कंपनी की डिस्ट्रीब्यूटरशिप दिलाने के नाम पर 55 लाख रुपये की धोखाधड़ी का ममला सामने आया है। पीड़ित को विश्वास दिलाने के लिए आरोपी ने कंपनी के फर्जी दस्तावेज, मोहर और मेलआईडी का प्रयोग करते थे। डीआईजी अलीगढ़ के निर्देश पर सदर कोतवाली में मामले में संलग्न चार आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है।
शहर के मोहल्ला जय-जय राम की सांभर वाली गली निवासी मनोज कुमार गुप्ता ने बताया कि शहर के लवकुश नगर निवासी अभिनव बघेल ने उन्हें हिंदुस्तान यूनीलीवर लिमिटेड सहित कई बड़ी कंपनियों के टेंडर और ड्रिस्ट्रीब्यूटरशिप लाइसेंस दिलाने का वादा किया। डिस्ट्रीब्यूटरशिप दिलाने के नाम पर उसने मुझे नोएडा सेक्टर 63 स्थित अपने कार्यालय पर बुलाया। खुद को कंपनी का प्रबंधकीय समिति का सदस्य बताया। इस दौरान उसने कंपनी का डिस्ट्रीब्यूटरशिप लाइसेंस दिलाने के लिए मुझसे पैसों की मांग की। पीड़ित का आरोप है कि इस दौरान उसने कंपनी के कई दस्तावेज और समझौते आदि से संबंधित प्रपत्र भी मेल आईडी के जरिए मुझे अग्रेसित किए। पीड़ित ने तीन बैंक खातों के माध्यम से कुल 55 लाख रुपये की रकम समय-समय पर उसके खाते में ट्रांसफर की। कुछ दिनों बाद आरोपी अभिनव ने उसकी कॉल उठाना और मैसेज का जवाब देना बंद कर दिया। इसके बाद दिसंबर 2021 में उसकी काल और मैसेज ब्लाक कर दिए। पीड़ित पुन: नोएडा स्थित उसके कार्यालय पहुंचा तो कार्यालय बंद मिला। इसके बाद जब ग्रेटर नोएडा गौर सिटी में उसके आवास पर जाकर उससे संपर्क किया गया तो आरोपी ने काम न होने की बात कहकर 55 लाख रुपये का चैक पीड़ित को दिया जो कि बाउंस हो गया। इसके बाद आरोपी से संपर्क न होने
और उसका पता न लगने पर उसके पिता राम प्रकाश पाल निवासी लवकुशनगर कालोनी से संपर्क किया गया तो उन्होंने अभिनव की जानकारी होने से इंकार करते हुए घर आने पर धमकी दी। पीड़ित का आरोप है कि अभिनव द्वारा प्रयोग की गई कंपनी की ईमेलआईडी, मोहरें और अन्य दस्तावेज फर्जी हैं। उन्होंने डीआईजी को अभिनव, उसके पिता रामप्रकाश पाल, भूपेंद्र सिंह धनगर निवासी कोल, थाना अकराबाद, ्अलीगढ़ और नीतिश कुमार निवासी दीवनहीड, कटिहार, बिहार के खिलाफ मामले में तहरीर दी है। डीआईजी, अलीगढ़ के निर्देश पर शहर कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया है। थाना प्रभारी वीरेंद्र प्रताप गिरि ने कहा कि तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। मामले की जांच कर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
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