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अमांपुर के नादरमई में सहकारी समिति।
– फोटो : KASGANJ
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कासगंज/अमांपुर। क्षेत्र की साधन सहकारी समिति नादरमई के सचिव ने अपने चहेतों को डीएपी का वितरण कर दिया। इससे अन्य किसान डीएपी से वंचित रह गए। दो दिन पूर्व वितरण समाप्त होने और दुबारा से वितरण शुरू न होने से किसान परेशान दिखे। बुवाई का कार्य पिछड़ न जाए इसके लिए किसानों को बाजार से डीएपी खरीदनी पड़ रही है।
साधन सहकारी समिति नादरमई से फकौता, शेरपुर, नगला गुलरिया, नगला भोजराज, नादरमई, भावपुरा, नगला घड़ी, खेरिया, बरसोड़ा, जीगन सहित अन्य गांव जुड़े है। इन गांवों के किसान इसी समिति से खाद और बीज प्राप्त कर खेती किसानी करते है। किसानों का आरोप है कि इस समिति के सचिव के कुछ चहेते लोग है, जो एटा में रहकर खेती करते है, आने के साथ ही इन चहेतों को डीएपी वितरित कर दी गई।
इसके चलते समिति के सदस्य किसानों को डीएपी नहीं मिल पाई। इसके अलावा क्षेत्र के अन्य किसान भी डीएपी से वंचित रह गए। उन्हें बाजार से महंगी डीएपी की खरीद करनी पड़ी है। किसानों ने इस मामले की शिकायत जिलाधिकारी से कर जांच कराने की मांग की है।
– जो किसान लाइन में लगकर आए थे उन किसानों को समिति पर डीएपी रहने तक वितरण किया गया। डीएपी समाप्त हो जाने पर किसान डीएपी से वंचित रह गए। चहेतों को डीएपी वितरण किए जाने का आरोप पूरी तरह से गलत है। – कर्मवीर, सचिव साधन सहकारी समिति नादरमई।
– चहेतों को सचिव के द्वारा वितरित किए जाने की कोई शिकायत नहीं मिली है। यदि ऐसी शिकायत मिलेगी तो इसकी जांच कराई जाएगी। – सुमित कुमार चौहान, जिला कृषि अधिकारी।
कासगंज/अमांपुर। क्षेत्र की साधन सहकारी समिति नादरमई के सचिव ने अपने चहेतों को डीएपी का वितरण कर दिया। इससे अन्य किसान डीएपी से वंचित रह गए। दो दिन पूर्व वितरण समाप्त होने और दुबारा से वितरण शुरू न होने से किसान परेशान दिखे। बुवाई का कार्य पिछड़ न जाए इसके लिए किसानों को बाजार से डीएपी खरीदनी पड़ रही है।
साधन सहकारी समिति नादरमई से फकौता, शेरपुर, नगला गुलरिया, नगला भोजराज, नादरमई, भावपुरा, नगला घड़ी, खेरिया, बरसोड़ा, जीगन सहित अन्य गांव जुड़े है। इन गांवों के किसान इसी समिति से खाद और बीज प्राप्त कर खेती किसानी करते है। किसानों का आरोप है कि इस समिति के सचिव के कुछ चहेते लोग है, जो एटा में रहकर खेती करते है, आने के साथ ही इन चहेतों को डीएपी वितरित कर दी गई।
इसके चलते समिति के सदस्य किसानों को डीएपी नहीं मिल पाई। इसके अलावा क्षेत्र के अन्य किसान भी डीएपी से वंचित रह गए। उन्हें बाजार से महंगी डीएपी की खरीद करनी पड़ी है। किसानों ने इस मामले की शिकायत जिलाधिकारी से कर जांच कराने की मांग की है।
– जो किसान लाइन में लगकर आए थे उन किसानों को समिति पर डीएपी रहने तक वितरण किया गया। डीएपी समाप्त हो जाने पर किसान डीएपी से वंचित रह गए। चहेतों को डीएपी वितरण किए जाने का आरोप पूरी तरह से गलत है। – कर्मवीर, सचिव साधन सहकारी समिति नादरमई।
– चहेतों को सचिव के द्वारा वितरित किए जाने की कोई शिकायत नहीं मिली है। यदि ऐसी शिकायत मिलेगी तो इसकी जांच कराई जाएगी। – सुमित कुमार चौहान, जिला कृषि अधिकारी।
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