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कासगंज। गल्ला मंडी में आढ़तों पर अच्छे भाव मिलने से यहां मक्के के ढेर लग रहे हैं। वहीं सरकारी क्रय केंद्राें को बोहनी के लिए तरसना पड़ रहा है।
जिले में मक्के की बड़े पैमाने पर पैदावार होती है। इस बार 36724 हेक्टेयर में फसल बोई गई। बारिश से फसल को तगड़ा नुकसान हुआ। शासन ने किसानों को राहत देने के लिए मक्के की खरीद सरकारी केंद्रों पर कराने का निर्णय लिया है। इसके लिए 1962 रुपये प्रति क्विंटल भाव निर्धारित किया गया। 15 अक्तूबर से खरीद शुरू हुई। फसल बाजार में आनी शुरू हुई तो सरकारी भाव से अधिक मूल्य पर मंडी में आढ़तों पर खरीद होने लगी। इस समय मंडी में 2200 रुपये क्विंटल तक खरीद हो रही है। अधिक भाव मिलने से किसान सरकारी क्रय केंद्राें पर न जाकर मंडी में आढ़तों पर फसल बेच रहे हैं। प्रतिदिन 3 हजार क्विंटल तक मक्का मंडी में पहुंच रही है। खरीद के लिए 2500 मीट्रिक टन का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए पांच केंद्र बनाए गए हैं। अभी तक किसी भी केंद्र पर मक्का का एक दाना भी नहीं खरीदा नहीं जा सका। इससे विभागीय अधिकारी परेशान हैं।
यहां बनाए गए खरीद केंद्र
गंजडुंडवारा : खाद्य विभाग गोदाम।
कासगंज: गल्ला मंडी।
सोरों : खाद्य विभाग गोदाम।
अमांपुर : खाद्य विभाग गोदाम,
पटियाली : खाद्य विभाग गोदाम।
शासन की मंशा किसानों को फसल का उचित भाव दिलाना है। मंडी में किसानों को सरकारी भाव से अधिक दाम मिल रहे हैं। इससे किसान खरीद केंद्र पर नहीं आ रहे। सरकारी खरीद कराने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। – विजय कुमार शुक्ला, जिला खाद्य एवं विपणन अधिकारी
कासगंज। गल्ला मंडी में आढ़तों पर अच्छे भाव मिलने से यहां मक्के के ढेर लग रहे हैं। वहीं सरकारी क्रय केंद्राें को बोहनी के लिए तरसना पड़ रहा है।
जिले में मक्के की बड़े पैमाने पर पैदावार होती है। इस बार 36724 हेक्टेयर में फसल बोई गई। बारिश से फसल को तगड़ा नुकसान हुआ। शासन ने किसानों को राहत देने के लिए मक्के की खरीद सरकारी केंद्रों पर कराने का निर्णय लिया है। इसके लिए 1962 रुपये प्रति क्विंटल भाव निर्धारित किया गया। 15 अक्तूबर से खरीद शुरू हुई। फसल बाजार में आनी शुरू हुई तो सरकारी भाव से अधिक मूल्य पर मंडी में आढ़तों पर खरीद होने लगी। इस समय मंडी में 2200 रुपये क्विंटल तक खरीद हो रही है। अधिक भाव मिलने से किसान सरकारी क्रय केंद्राें पर न जाकर मंडी में आढ़तों पर फसल बेच रहे हैं। प्रतिदिन 3 हजार क्विंटल तक मक्का मंडी में पहुंच रही है। खरीद के लिए 2500 मीट्रिक टन का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए पांच केंद्र बनाए गए हैं। अभी तक किसी भी केंद्र पर मक्का का एक दाना भी नहीं खरीदा नहीं जा सका। इससे विभागीय अधिकारी परेशान हैं।
यहां बनाए गए खरीद केंद्र
गंजडुंडवारा : खाद्य विभाग गोदाम।
कासगंज: गल्ला मंडी।
सोरों : खाद्य विभाग गोदाम।
अमांपुर : खाद्य विभाग गोदाम,
पटियाली : खाद्य विभाग गोदाम।
शासन की मंशा किसानों को फसल का उचित भाव दिलाना है। मंडी में किसानों को सरकारी भाव से अधिक दाम मिल रहे हैं। इससे किसान खरीद केंद्र पर नहीं आ रहे। सरकारी खरीद कराने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। – विजय कुमार शुक्ला, जिला खाद्य एवं विपणन अधिकारी
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