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उन्होंने यह भी कहा कि जिस गाटा की जमीन अधिग्रहीत की जा रही है, वहां पर प्लॉटिंग हो चुकी है। ऐसे में मुआवजा आबादी की दर से मिलना चाहिए, जबकि रेलवे अधिकारी कृषि भूमि की दर से मुआवजा देने की बात कह रहे हैं। इस बात को लेकर सहमति नहीं बनी तो रामवती सहित कई महिलाएं जेसीबी के आगे लेट गईं।
हालात बिगड़ते देख कोतवाली नगर, कोतवाली देहात, थाना पिलुआ से भी फोर्स बुला लिया गया। एसडीएम सदर शिवकुमार, सीओ सिटी राजकुमार सिंह, तहसीलदार सीपी सिंह भी पहुंच गए। काफी देर तक लोग विरोध करते रहे। बाद में अधिकारियों के समझाने के बाद सहमति बन गई और शाम के समय कार्य शुरू कराया गया।
तहसीलदार ने बताया कि महत्वपूर्ण परियोजना के लिए इस भूमि को अनिवार्य अधिग्रहण में डाला गया है। इसका नोटिस पूर्व में दिया जा चुका है। समझाने पर लोग कृषि भूमि के हिसाब से मुआवजे पर सहमत हो गए हैं। एएसपी धनंजय सिंह कुशवाहा ने बताया कि जमीन अधिग्रहण को लेकर पुलिस बल की मांग की गई थी, उसी आधार पर पुलिस बल भेजा गया। बाद में महिलाएं मान गईं और कार्य शुरू करा दिया गया।
जेई रेलवे अरुण यादव ने बताया कि जमीन का मुआवजा खतौनी में दर्ज जमीन के आधार पर तय किया गया है। जबकि आबादी के हिसाब से मांगा जा रहा था। इसको लेकर कार्य बाधित हुआ। बाद में समझाने पर लोग मान गए।
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