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लंपी वायरस
– फोटो : सोशल मीडिया
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आगरा में लंपी वायरस से एक तरफ गोवंश के मरने का सिलसिला जारी है, दूसरी तरफ दो-दो दिन तक मरी पड़ी गायों के शव नहीं उठ रहे। नगर निगम व पशु पालन विभाग की लापरवाही से अन्य पशुओं में संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ रहा है। मदिया कटरा पर डेयरी के पीछे रविवार को मरी गाय, मंगलवार तक पड़ी रही। दस दिन में यहां 5वीं गाय मरी है।
जारी है लंपी का कहर
जिले में तीन हजार से अधिक गाय लंपी वायरस की चपेट में आ चुकी हैं। इनके मरने के आंकड़ों को लेकर भी रहस्य गहरा रहा है। पशुपालन विभाग के आंकड़ों में अब तक 7 गाय का मरना दर्ज है, जबकि मदिया कटरा क्षेत्र में पिछले 10 दिनों में 5 गाय मर चुकी हैं। शहर के अन्य इलाकों में भी गोवंश दम तोड़ रहे हैं। जबकि नगर निगम और पशु पालन विभाग दोनों गोवंश संरक्षण के लिए जिम्मेदार हैं। जिला प्रशासन ने लंपी से गोवंश बचाव के लिए जो दावे किए थे, वो भी धरातल पर नजर नहीं आ रहे। नगर निगम के कांजी हाउस से लेकर गोशालाओं में लंपी संक्रमित गोवंश मरणासन्न स्थिति में पड़े हैं। गोशालाओं में आम लोगों को जाने की इजाजत तक नहीं है। ताकि हकीकत बाहर न आ जाए।
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10 दिन में 5वीं गाय मरी
मदिया कटरा निवासी अभिनय प्रसाद ने बताया कि डेयरी के पीछे पशुओं का तबेला है। जहां 10 दिन में 5 गाय मर चुकी हैं। नगर निगम व पशु पालन विभाग कंट्रोल रूम पर शिकायत दर्ज कराने के बाद भी कोई मरी गायों को उठाने नहीं आता। उन्होंने कहा कि गोवंश संरक्षण के नाम पर गायों की दुर्दशा हो रही है। उधर, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी विजयवीर चंद्रयाल का कहना है कि मामला उनकी जानकारी में नहीं है। मरे गोवंश को उठाने का काम नगर निगम को करना है। उनके पास कैटल कैचर हैं। हम संदिग्ध गोवंश का इलाज करते हैं।
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