[ad_1]
पटाखे
– फोटो : अमर उजाला
ख़बर सुनें
विस्तार
दिवाली पर जरा सी लापरवाही से बड़ी घटना हो जाती हैं। सबसे ज्यादा आग की घटनाएं शार्ट सर्किट से होती हैं। बच्चों के पटाखे चलाने के दौरान बड़े भी मौजूद रहें। आग लगने पर अग्निशमन विभाग को कॉल करें। पुलिस महानिदेशक फायर सर्विस अविनाश चंद्र ने त्योहार पर लोगों को आग से बचाव के बारे में बताया है।
उन्होंने वीडियो जारी कर कहा कि दिवाली पर आतिशबाजी की दुकान लगाने के बाद अस्थायी तौर पर बिजली की लाइन डाली जाती है। घरों में भी झालर लगाने के लिए कई बार लोग पुराने तारों का इस्तेमाल करते हैं। इन तारों में करंट और शार्ट सर्किट से आग लग जाती है। तारों के नीचे कपड़े और पटाखे नहीं रखें। राकेट चलाने, अगरबत्ती, मोमबत्ती जलाकर छोड़ने से भी घटनाएं होती हैं। इनके प्रयोग में सावधानी बरतें। मुख्य अग्निशमन अधिकारी अक्षय रंजन शर्मा ने बताया कि दिवाली पर कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। किसी तरह का हादसा होने पर कर्मचारी तत्काल पहुंचेंगे।
आग लगने के कारण और बचाव के उपाय
– लक्ष्मी पूजन के स्थान से ज्वलनशील पदार्थ और कपड़े दूर रखें।
– दीया, मोमबत्ती, अगरबत्ती और धूपबत्ती को सुरक्षित स्थान पर लगाएं।
– बिजली की झालर से बिजली के बोर्ड पर अतिरिक्त भार न दें। शार्ट सर्किट होने से विशेष रूप से सतर्क रहें।
– बाजार से लाए पटाखों को घर के वयस्क व्यक्ति के नियंत्रण में सुरक्षित स्थान पर रखें।
– आग लगने पर निर्धारित पलायन मार्ग का प्रयोग करें। पलायन मार्ग पर अतिक्रमण न करें।
– पटाखे चलाते समय मोटे और चुस्त कपड़े पहनें। ढीले और लहरदार सिंथेटिक कपड़े को न पहनें।
– झुग्गी-झोपड़ी, आरा मशीन, भूसे के ढेर आदि की दिन-रात टोली बनाकर बारी-बारी से निगरानी रखें।
– अपने घर में पटाखे चलाते समय दुर्घटना से तुरंत निपटने के लिए दो बाल्टी पानी और फायर एक्सटिंग्यूशर रखें।
– पटाखों से कपड़ों में आग लगनें पर बुझाने के लिए पानी का प्रयोग करें। जमीन पर लेट कर लुढ़कें। जलने पर चिकित्सक की सलाह लें।
– कहीं भी आग लगने पर जोर से चिल्लाएं, जिससे मदद के लिए लोग आ सकें।
– फायर सर्विस के एफएस ईदगाह – 9454418449, संजय पैलेस – 9454418451, बरहन – 9454418455 शास्त्रीपुरम – 9454418459, बाह- 9454418453, खेरागढ़- 7839861600 पर सूचना दें। 112 नंबर मिलाएं।
[ad_2]
Source link