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बात 1962 की है. चीन के साथ भारत का युद्ध शुरू हो गया था. सभी सैनिक बॉर्डर पर लडऩे जा रहे थे. तभी आगरा की बहनों ने अपने सैनिक भाइयों के लिए हाथ से स्वेटर बुनकर उन्हें दिए थे. तभी से आगरा में हस्तकला प्रदर्शनी की शुरूआत हो गई. महिलाओं द्वारा बनाए गए हाथों से बने उत्पाद इस प्रदर्शनी में बेचे जाते हैैं. सदर स्थित आगरा क्लब ग्राउंड में मंगलवार को भी यह हस्तकला प्रदर्शनी आयोजित हो रही हैैं. इसमें देश के विभिन्न हिस्सों से आकर महिलाएं अपनी स्टॉल लगाएंगी और हाथ से बने सुंदर-सुंदर उत्पाद बेचेंगी.
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