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कासगंज। गंगा किनारे लघु पौधशाला (नर्सरी) लगाने वाले किसानों को उद्यान विभाग की ओर से 50 फीसदी तक अनुदान दिया जाएगा। लघु पौधशाला नमामि गंगे योजना में औद्योगिक विकास योजना के अंतर्गत तैयार की जानी है। योजना को लेकर उद्यान विभाग ने तैयारियां तेज कर दी हैं।
गंगा किनारे लघु पौधशालाएं लगाने के लिए उद्यान विभाग किसानों को जागरूक कर रहा है। शासन की ओर से प्रति हेक्टेयर क्षेत्र में लघु पौधशाला स्थापित करने के लिए 15 लाख रुपये की लागत तय की गई है। इसमें 50 फीसदी और अधिकतम 7.5 लाख रुपये का अनुदान दिए जाने का प्रावधान है। गंगा को प्रदूषण मुक्त बनाने, किनारे हरियाली बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
कृषि विभाग गंगा किनारे के ग्रामों में रहने वाले किसानों को जैविक खेती के लिए भी प्रेरित कर रहा है। उद्यान विभाग को गंगा के किनारों को हरा बनाए रखने के लिए पेड़ लगाने की जिम्मेदारी दी गई है। इसी के तहत पौधशाला तैयार करने की योजना है। लघु पौधशाला को कारोबारी भी लगा सकते हैं।
फलदार बाग लगाने पर भी मिलेगा अनुदान
गंगा किनारे फलदार पौधों का बाग लगाने पर भी अनुदान मिलेगा। नए बागवानों को आम के बाग के लिए प्रति हेक्टेयर 7600 रुपये का अनुदान देना तय किया गया। अमरूद की सघन बागवानी के लिए 17500 रुपये और सामान्य विधि के लिए 11500 रुपये प्रति हेक्टेयर का अनुदान दिया जाएगा।
गंगा किनारे लघु पौधशाला लगाए जाने के लिए उद्यान विभाग से अनुदान दिया जाएगा। यह अनुदान 50 फीसदी तक होगा। अधिकतम सीमा 7.5 लाख रुपये है। लघु पौधशाला एवं बागवानी के संबंध में किसान उद्यान विभाग के कार्यालय से जानकारी ले सकते हैं। – सुबोध कुमार, जिला उद्यान अधिकारी।
कासगंज। गंगा किनारे लघु पौधशाला (नर्सरी) लगाने वाले किसानों को उद्यान विभाग की ओर से 50 फीसदी तक अनुदान दिया जाएगा। लघु पौधशाला नमामि गंगे योजना में औद्योगिक विकास योजना के अंतर्गत तैयार की जानी है। योजना को लेकर उद्यान विभाग ने तैयारियां तेज कर दी हैं।
गंगा किनारे लघु पौधशालाएं लगाने के लिए उद्यान विभाग किसानों को जागरूक कर रहा है। शासन की ओर से प्रति हेक्टेयर क्षेत्र में लघु पौधशाला स्थापित करने के लिए 15 लाख रुपये की लागत तय की गई है। इसमें 50 फीसदी और अधिकतम 7.5 लाख रुपये का अनुदान दिए जाने का प्रावधान है। गंगा को प्रदूषण मुक्त बनाने, किनारे हरियाली बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
कृषि विभाग गंगा किनारे के ग्रामों में रहने वाले किसानों को जैविक खेती के लिए भी प्रेरित कर रहा है। उद्यान विभाग को गंगा के किनारों को हरा बनाए रखने के लिए पेड़ लगाने की जिम्मेदारी दी गई है। इसी के तहत पौधशाला तैयार करने की योजना है। लघु पौधशाला को कारोबारी भी लगा सकते हैं।
फलदार बाग लगाने पर भी मिलेगा अनुदान
गंगा किनारे फलदार पौधों का बाग लगाने पर भी अनुदान मिलेगा। नए बागवानों को आम के बाग के लिए प्रति हेक्टेयर 7600 रुपये का अनुदान देना तय किया गया। अमरूद की सघन बागवानी के लिए 17500 रुपये और सामान्य विधि के लिए 11500 रुपये प्रति हेक्टेयर का अनुदान दिया जाएगा।
गंगा किनारे लघु पौधशाला लगाए जाने के लिए उद्यान विभाग से अनुदान दिया जाएगा। यह अनुदान 50 फीसदी तक होगा। अधिकतम सीमा 7.5 लाख रुपये है। लघु पौधशाला एवं बागवानी के संबंध में किसान उद्यान विभाग के कार्यालय से जानकारी ले सकते हैं। – सुबोध कुमार, जिला उद्यान अधिकारी।
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