[ad_1]
राजन सबसे बड़ा होने के कारण पढ़ाई में भी अव्वल था। उसने बीए किया था। वह एक परिचित के संपर्क में आया। उसने उसे एक होम्योपैथिक डॉक्टर के क्लीनिक पर कंपाउंडर की नौकरी पर लगा दिया।
कुछ साल बाद वो शहर के बड़े अस्पताल में नौकरी करने लगा। इससे कई डॉक्टरों के संपर्क में आ गया। 25 साल तक मेहनत के साथ नौकरी की। वर्ष 2016 में घर के पास ही 400 वर्ग जमीन में भवन बनाया। इसमें अस्पताल खोल लिया। इस अस्पताल में कई डॉक्टर अपनी सेवाएं देते हैं।
राजन आपातकालीन स्थिति में आने वाले मरीज को देखते थे। प्राथमिक उपचार करते थे। लोगों की मदद भी करते थे। इससे मरीज उनसे जुड़ा रहता था। हर कोई उन्हें डॉक्टर कहता था।
राजन बड़े बेटे लवी को डॉक्टर बनाना चाहते थे, जिससे वह हास्पिटल को संभाल सके। इसके लिए उसे तैयारी करा रहे थे। उसने नीट की परीक्षा भी पास कर ली थी। अब उसकी काउंसिलिंग होने वाली थी। इससे परिवार में खुशी का माहौल था।
[ad_2]
Source link