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ढोल-नगाड़ों की थाप पर उड़ता अबीर-गुलाल, माता की भक्ति में झूमते श्रद्धालु, हर ओर लगते माता के जयकारे. बुधवार को सिकंदरा स्थित कैलाश घाट, बल्केश्वर और हाथीघाट पर सुबह से देर शाम तक यही दृश्य दिखाई दिया. हाथी घाट पर बने दो कुंडों में सर्वाधिक प्रतिमाओं का विसर्जन हुआ. अन्य दो कुंडों पर भी श्रद्धालुओं की भीड़ रही.
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भक्ति में झूमते हुए दी माता को विदाई, यमुना घाट बनाए गए थे कुंड, हाथीघाट पर सर्वाधिक विसर्जन
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