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आगरा में फतेहपुर सीकरी से विधायक चौधरी बाबूलाल की भतीजी की सिजेरियन डिलीवरी के बाद मौत के मामले में जांच कर रही समिति के चेयरमैन डॉ. यूबी सिंह को हटा दिया गया है। एसएन मेडिकल कॉलेज की स्त्री रोग विभागाध्यक्ष डॉ. सरोज सिंह को समिति में शामिल किया गया है।
विधायक चौधरी बाबूलाल के छोटे भाई महाराज सिंह की बेटी पिंकी चौधरी को 14 अगस्त को सेन मैटरनिटी सेंटर, कोठी मीना बाजार में भर्ती कराया गया था। यहां सिजेरियन डिलीवरी कराई गई, तबीयत बिगड़ने पर प्रभा ट्रामा सेंटर और वहां से मेदांता, गुरुग्राम रेफर कर दिया गया। 18 अगस्त को मौत हो गई। परिवारीजनों ने इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया था। जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग की ओर से जांच समिति गठित कर दी गई।
मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. अरुण कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि समिति के चेयरमैन डॉ. यूबी सिंह व्यक्तिगत कारणों से जांच के लिए समय नहीं दे पा रहे थे, इसलिए उनकी जगह डॉ. एसएम तोमर को चेयरमैन बनाया है। आईएमए, आगरा के पदाधिकारियों ने टीम में एसएन मेडिकल कॉलेज के चिकित्सक को शामिल करने के लिए पत्र भेजा था। प्रभा ट्रामा सेंटर के संचालक डॉ. बीके सिंह को सोमवार को बयान दर्ज करने के लिए बुलाया गया है। कमेटी को 7 दिन में रिपोर्ट देनी है।
ये है मामला
बता दें विधायक चौधरी बाबूलाल की भतीजी पिंकी की प्रसव के बाद मौत हो गई थी। इस मामले में एसएसपी प्रभाकर चौधरी को तहरीर दी गई थी। इलाज में डॉक्टर की लापरवाही से मौत का आरोप लगाया गया। एसएसपी ने सीएमओ को जांच के लिए लिखा था। विधायक के पुत्र रामेश्वर सिंह ने बताया कि पिंकी का नौ महीने से डॉ. अलका सेन के अस्पताल में इलाज हो रहा था। प्रसव पीड़ा होने पर 14 अगस्त को सेन हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। रात दस बजे उसने एक बच्चे को जन्म दिया। पिंकी को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। कहने पर भी कोई डाक्टर देखने नहीं आया। 15 अगस्त की सुबह चार बजे डॉ. अलका सेन की बेटी आईं। उन्हें डॉक्टर बताया गया।
कर्मचारियों ने यह भी कहा कि रात में आपरेशन उन्होंने ही किया था। अब चेकअप डॉ. अलका सेन करेंगी। ऑपरेशन थिएटर में ले जाने के बाद पिंकी से मिलने नहीं दिया गया। बाद में हालत खराब बताकर खुद ही एंबुलेंस से सिकंदरा स्थित प्रभा हास्पिटल भेज दिया। आरोप लगाया कि पिंकी को सांस लेने में तकलीफ थी। आंखों की पुतलियां ठहरी थीं। डॉक्टर की सलाह पर उसे मेदांता हॉस्पिटल ले गए। वहां चिकित्सक ने बताया कि बच्चे के जन्म के दौरान लापरवाही, अधिक रक्तस्राव से हालत ऐसी हुई है। पिंकी की 18 अगस्त को मौत हो गई।
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