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फर्जी जमानतदार
– फोटो : अमर उजाला
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आगरा में अभी तक दीवानी कचहरी में फर्जी जमानतदारों के मामले पकड़े जाते रहे हैं। अब कमिश्नरेट में भी फर्जी जमानतदार सक्रिय हो चुके हैं। एसीपी हरीपर्वत की कोर्ट में 3 आरोपियों की जमानत देने पहुंचे 6 जमानतदार फर्जी पाए गए। पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। उनके खिलाफ रकाबगंज थाने में धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।
कमिश्नरेट बनने के बाद शांतिभंग के मामले एसीपी कोर्ट में पेश किए जाते हैं। बृहस्पतिवार को कोतवाली थाने से गिर्राज उनके बेटे विकास व शिवम का पुलिस ने शांतिभंग में चालान किया, एसीपी हरीपर्वत मयंक तिवारी की कोर्ट में पेश किया। एसीपी हरीपर्वत ने बताया कि वह प्रत्येक जमानती से यह जरूर पूछते हैं कि आरोपी को कैसे जानता है। उसकी गारंटी पर छोड़ा जा रहा है। आरोपी अगर भविष्य में इस तरह की घटना करेगा तो जमानती भी इसका जिम्मेदार होगा।
जब जमानती उनके सामने आए तो उन्होंने पूछा कि आरोपी कौन है। उसका नाम और पिता का नाम क्या है? उसे कैसे जानते हो? इन सवालों पर जमानती सकपका गए। सख्ती पर भागने लगे तो गिरफ्तार करा लिया गया। ऐसे छह जमानतदार पकड़े गए। बाद में पता चला कि सभी फर्जी हैं। उन्हें पैसा देकर लाया गया था।
500 रुपये में करा रहे थे एक जमानत
पुलिस ने बताया कि एसीपी कोर्ट के बाहर इस तरह के फर्जी जमानतदार आधार कार्ड लेकर घूमते हैं। जिन लोगों के पास कोई जमानती नहीं होता है, उसकी जमानत देने की एवज में पैसा मांगते हैं। शांतिभंग के लिए 500-500 रुपये लेकर जमानत देने को तैयार हुए थे।
इनकी हुई गिरफ्तारी
गांव पुरा गोवर्धन, खंदौली निवासी कोमल सिंह व जितेंद्र, रमेश चंद्र (एत्मादुद्दौला), जय कुमार, मनोज कुमार व अनेक सिंह (फतेहाबाद) को पकड़ा गया। आरोपियों के खिलाफ एसीपी कोर्ट में तैनात पुलिसकर्मी ने रकाबगंज थाने में धोखाधड़ी का केस दर्ज कराया है।
फर्जी तरीके से जमानत लेने वाले 500 अपराधी हुए थे चिह्नित
फर्जी जमानत का यह कोई पहला मामला नहीं है। तत्कालीन एसपी सिटी विकास कुमार ने दीवानी में गैंग पकड़ा था। आरोपियों के खिलाफ थाना न्यू आगरा में मुकदमे दर्ज कराए गए थे। गिरोह पेशेवर अपराधियों से जेल से जमानत पर रिहा कराने का काम करता था। फर्जी कागजात तैयार किए जाते थे। फोटो भी फर्जी लगाई जाती थी। इसके बाद फर्जी व्यक्ति को लाकर पेश कर दिया जाता था। पुलिस ने 6 वर्ष के दौरान जमानत पर रिहा हुए तकरीबन 500 अपराधियों और उनके जमानतियों को चिह्नित किया गया था।
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