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कासगंज। ठंड का मौसम शुरू हो चुका है, लेकिन परिषदीय स्कूलों के बच्चों को बैठने के लिए फर्नीचर के इंतजाम नहीं हैं। ठंड में बच्चे जमीन पर बैठकर ही पढ़ाई करने को मजबूर हैं। विभागीय अधिकारियों का इस ओर ध्यान नहीं है। जिले में 1263 परिषदीय स्कूल संचालित हैं। शासन से इन स्कूलों में आपरेशन कायाकल्प का संचालन किया जा रहा है। इसके तहत बच्चों के लिए सभी आवश्यक मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता कराई जानी है। इनमें बच्चों के बैठने के लिए कुर्सी-मेज की भी व्यवस्था शामिल है।आपरेशन कायाकल्प के तहत शहरी स्कूलों में सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो पा रही। शहरी क्षेत्र के अधिकतर स्कूल ऐसे हैं जिनमें बच्चों के लिए फर्नीचर की व्यवस्था नहीं हो सकी है। ठंड में ठिठुरते हुए बच्चे जमीन पर बिछी दरी पर बैठकर शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर हैं। विभागीय अधिकारियों का ध्यान इस ओर नहीं है।
प्राथमिक विद्यालय मोहन : प्राथमिक विद्यालय मोहन में 65 बच्चे शिक्षारत मिले। इन बच्चों के बैठने के लिए फर्नीचर की व्यवस्था नहीं मिली। सभी बच्चे एक बड़ी सी दरी पर बैठकर शिक्षण कार्य कर रहे थे। ठंड की अधिकता के चलते बच्चे ठिठुरते नजर आए।
प्राथमिक विद्यालय कन्या लक्ष्मीगंज : प्राथमिक विद्यालय कन्या लक्ष्मीगंज में 84 बच्चे शिक्षारत मिले। स्कूल में शिक्षा मित्र बच्चों को पढ़ा रही थी। कमरे में बच्चों को बैठने के लिए फर्नीचर नहीं था। ठंड में बच्चे दरी पर बैठकर पढ़ाई करते मिले।
प्राथमिक विद्यालय बालक नाथूराम: प्राथमिक विद्यालय नाथूराम में 75 बच्चे बैठे हुए थे। इनमें से अधिकतर बच्चों के पास स्वेटर तक नहीं था। फर्श पर बैठे बच्चे ठंडी हवा के झोंके से ठिठुर रहे थे।
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