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मैनपुरी। दिवाली पर तीन दिन के अवकाश के बाद मंगलवार को सरकारी कार्यालय खुल गए, लेकिन एआरटीओ कार्यालय के कर्मचारियों की खुमारी मंगलवार को भी नहीं उतरी। दिन भर यहां कमरों में ताले लटके रहे तो वहीं कर्मचारी भी नजर नहीं आए। एआरटीओ कार्यालय के इस हाल को अनुशासनहीनता कहें कुछ और लेकिन हकीकत यही है।
कलेक्ट्रेट परिसर में ही एआरटीओ कार्यालय संचालित है। दिवाली पर 13 नवंबर तक अवकाश के चलते कार्यालय बंद थे। मंगलवार से सभी कार्यालय खुलने के आदेश थे। इसी के चलते कलेक्ट्रेट के अधिकांश कार्यालय मंगलवार को खुले रहे। अधिकारी और कर्मचारी अपने लंबित काम निपटाने में लगे थे। दूसरी ओर एआरटीओ कार्यालय के कमरों में ताले लटक रहे थे।
दोपहर 12.30 बजे तक न तो एआरटीओ शिवम यादव कार्यालय पहुंचे थे और न ही अधिकांश कर्मचारी। कमरा नंबर 5 हो, 9 हो या फिर कमरा नंबर 10 सभी में ताले ही लटक रहे थे। जिन कमरों के ताले खुले भी थे, उनमें भी कर्मचारी नहीं थे। केवल बाहर ड्राइविंग लाइसेंस की बायेमेट्रिक करने वाले कर्मचारी ही मौजूद थे।
इतना ही नहीं एआरटीओ कार्यालय परिसर में एकदम अंधेरा था। कार्यालय परिसर में ही आखिरी में एलआईयू कार्यालय संचालित है। ये कार्यालय खुला था और उसके बाहर लाइट भी जल रही थी। एआरटीओ कार्यालय में अधिकारियों और कर्मचारियों की ये मनमानी आम होती जा रही है। इसे अधिकारियाें का शिथिल पर्यवेक्षण कहें या फिर कर्मचारियों की अनुशासनहीनता, इस पर जिला प्रशासन को लगाम लगानी ही होगी।
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