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संवाद न्यूज एजेंसी, आगरा
Updated Wed, 11 Oct 2023 11:49 PM IST
कासगंज। फसल की बुवाई का सीजन शुरू हो चुका है, लेकिन किसानों के सामने डीएपी का संकट है। कहीं केंद्र पर ताले लटके हैं तो कहीं केंद्र खुला है तो खाद नहीं मिल रही। जिससे किसान परेशान हैं। किसान खाद के लिए एक समिति से दूसरी समिति पर चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन उन्हें खाद नहीं मिल पा रही।इस समय आलू, मटर, सरसों, चिकोरी, लहसुन आदि की फसलों की बुवाई का सीजन है। इन फसलों को बोते समय डीएपी खाद की आवश्यकता पड़ती है। जिले में काफी बड़े क्षेत्रफल में यह फसलें बोई जाती हैं। लगभग इन फसलों का 50 हजार हेक्टेयर से अधिक रकबा होगा। बुवाई के लिए डीएपी की आवश्यकता होती है, लेकिन सहकारी समितियों सहित अन्य केंद्रों पर इस समय खाद उपलब्ध नहीं है। किसान कई कई दिनों से चक्कर काट रहे हैं। एक समिति पर खाद नहीं मिलती तो वे दूसरी समिति पर इस आस से पहुंचते हैं कि काश यहां खाद मिल जाए, लेकिन यहां भी उन्हें निराशा मिल रही है। जिससे किसानों की चिंता बढ़ रही है। यदि समय से फसल नहीं बोई जा सकीं तो इसका असर अन्य फसलों पर भी पड़ेगा।
डीएपी खाद की रैक जल्द ही आने वाली है। वैसे एनपीके खाद समितियों पर मौजूद हैं। डीएपी के स्थान पर इसका प्रयोग भी किसान कर सकते हैं। जल्द ही डीएपी सभी केंद्रों पर उपलब्ध हो जाएगी।- बीके मिश्रा, एआर कॉपरेटिव।
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