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मां तो बनना है, लेकिन दर्द नहीं सहना. महिलाओं का अधिक उम्र में गर्भधारण करना और प्रसव की पीड़ा को भी न सहने की इच्छा सिजेरियन मामलों में वृद्धि कर रही है. देश में लगभग 60 फीसदी डिलीवरी सिजेरियन हो रही है. इनमें लगभग आधे मामले ऐसे हैं जिसमें महिलाएं प्रसव पीड़ा न सहने के कारण खुद ही सिजेरियन डिलीवरी की इच्छा व्यक्त करती हैं. हालांकि कॉम्पलीकेटेड मामलों में सिजेरियन डिलीवरी ने मां व शिशु की मृत्यु दर के आंकड़ों को भारत में हजार से दहाई के अंक पर पहुंचा दिया है.
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अधिक उम्र में शादी, प्रसव पीड़ा से भी चाहिए आजादी
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