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मेडिकल वेस्ट।
– फोटो : amar ujala
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उत्तर प्रदेश के आगरा में दक्षिण भारत का बायोमेडिकल वेस्ट नियम विरुद्ध तरीके से खपाने का धंधा बड़े स्तर पर यमुनापार स्थित प्रकाश नगर, शाहदरा, सीता नगर में चल रहा है। जरूरतमंद महिलाओं को रोजगार के नाम पर उनके स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। ठेकेदार दस्ताने व मास्क के बिना महिलाओं से इस वेस्ट से एल्युमिनियम और कांच निकलवाते हैं। इसके लिए प्रतिकिलो से भुगतान किया जाता है।
उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड( यूपीपीसीबी) ने मंगलवार को नुनिहाई में बायोमेडिकल वेस्ट से भरा कंटेनर पकड़ा था। यहां पर कई सालों से प्रकाश नगर, सीतानगर, हनुमान नगर, शाहदरा में पहले गोदामों में वेस्ट से एल्युमिनियम और कांच के साथ प्लास्टिक वेस्ट निकालने का काम होता है। महिलाएं कांच की शीशी के ढक्कन में से बिना दस्ताने व मास्क पहने एल्युमिनियम अलग करती हैं।
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इनको किलो के हिसाब से 60, 70, 80 रुपये मिलते हैं। जो महिलाएं शीशी की धुलाई करती हैं, उन्हें ड्रम के हिसाब से 50, 60, 70 रुपये मिलते हैं। इस काम को करने से कई महिलाओं की तबीयत भी खराब हो चुकी है तो कई महिलाएं मजबूरी में अभी भी काम कर रहीं हैं। सभी महिलाओं का एक ही कहना है कि बच्चों को पालने के लिए अपनी जान भी दांव पर लगानी पड़ती है।
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प्रकाश नगर निवासी महिला ने बताया केमिकल की दुर्गंध से शुरूआत में बीमार पड़ जाते हैं। चक्कर आने लगता था पर, मजबूरी थी। इसलिए रुपये के लिए काम करते थे। कांच की शीशी के ढक्कन से एल्युमिनियम निकालने के लिए सिर्फ कटर मिलता था। इसके अलावा हमें कुछ नहीं मिलता था। किलो के हिसाब पैसे मिलते हैं। पूरा दिन काम करने पर महीने के 3000 से 4000 रुपये मिलते हैं।
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