Wednesday, January 8, 2025
Home Agra 288 Trees Stand In The Way Of Rubber Dam Project In Agra – Agra: पांच साल से अधर में लटकी है 350 करोड़ रुपये की रबर डैम परियोजना, राह का रोड़ा बने 288 पेड़

288 Trees Stand In The Way Of Rubber Dam Project In Agra – Agra: पांच साल से अधर में लटकी है 350 करोड़ रुपये की रबर डैम परियोजना, राह का रोड़ा बने 288 पेड़

by amitsagar
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ताजमहल की डाउन स्ट्रीम में यमुना पर प्रस्तावित रबर डैम की राह नगला पैमा और गढ़ी चांदनी गांव में 288 पेड़ों को काटने के बाद ही साफ होगी। सिंचाई विभाग ने टीटीजेड (ताज ट्रेपेजियम जोन) में इन पेड़ों को काटने के लिए सुप्रीम कोर्ट से अनुमति मांगी थी, जो एक साल से लंबित है। इस वजह से परियोजना पांच साल से अधूरी पड़ी है।

पहली बार सूबे की कमान संभालने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जब आगरा आए थे तो उन्होंने ताजमहल से डेढ़ किलोमीटर दूर डाउन स्ट्रीम में स्थित नगला पैमा गांव के पास रबर डैम का शिलान्यास किया था। सिंचाई विभाग ने 350 करोड़ रुपये की परियोजना बनाई, जो पांच साल बाद भी कागजों से बाहर नहीं आई। इस प्रोजेक्ट की घोषणा के बाद शासन स्तर से प्रयास हुए न विभागीय स्तर से। दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने के बाद रबर डैम के लिए बजट में दो करोड़ रुपये का प्रावधान हुआ, लेकिन बजट भी नहीं मिला। 

रबर डैम बनाने के लिए नगला पैमा में 25 और गढ़ी चांदनी गांव में 288 पेड़ काटे जाने हैं। सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता सौरभ शरद गिरी के अनुसार सुप्रीम कोर्ट से अनुमति मिलने के बाद ही काम आगे बढ़ पाएगा। 

पर्यावरणविदों का कहना है कि टीटीजेड पर्यावरण दृष्टि से संवेदनशील होने के कारण सर्वोच्च न्यायालय से अनुमति मिलना मुश्किल है। इससे पहले मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए भी फतेहाबाद रोड से लेकर शाहजहां गार्डन तक पेड़ काटे गए थे। कई पेड़ों को एक जगह से दूसरी जगह प्रत्यारोपित भी किया गया। जितने पेड़ काटे गए, उनके बदले पेड़ लगाने का काम अभी अधूरा है। इसके लिए मेट्रो ने वन विभाग को बजट भी उपलब्ध कराया था, फिर भी नए पेड़ नहीं लगे हैं।

रिवर कनेक्ट कैंपेन के संयोजक ब्रज खंडेलवाल ने बताया कि जीवनदायिनी कालिंदी में साल के 10 महीने पानी कम रहता है। रबर डैम बनेगा तो यमुना में पानी भी बढ़गा। पानी बढ़ने से ताजमहल की नींव को फायदा होगा, प्रदूषण से भी यमुना को मुक्ति मिलेगी। सात साल से नियमित यमुना मैया की आरती इसलिए कर रहे हैं कि जलधारा लौटे। यमुना को प्रदूषण से मुक्ति मिले। नदी में 12 महीने पानी रहे।

सिविल सोसायटी के अध्यक्ष अनिल शर्मा ने कहा कि सिविल एन्कलेव का काम भी जल्द पूरा होना चाहिए। पर्यटन नगरी में रोजगार की नई संभावनाएं भी विकसित होंगी। सिविल एन्क्लेव आगरा की सबसे बड़ी जरूरत है। दुनियाभर से पर्यटक यहां आते हैं। सिविल एन्क्लेव बनने से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। हर साल आगरा में लाखों पर्यटक आते हैं। शहर की छवि भी बदलेगी।



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