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– फोटो : istock
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एटा के थाना निधौली कलां क्षेत्र के एक गांव की महिला के साथ वर्ष 1999 में तीन सगे भाइयों ने सामूहिक दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया था। एक भाई की मौत हो चुकी है, दो को दोष सिद्ध होने पर 22 वर्ष बाद 10 वर्ष कैद और जुर्माने की सजा सुनाई गई है।
जुर्मान जमा न करने पर, अतिरिक्त कारावास
अपर सत्र एवं विशेष न्यायाधीश एससी एसटी कोर्ट प्रीति श्रीवास्तव तृतीय की अदालत में सोमवार को सुनवाई की गई। अदालत ने बचाव पक्ष और अभियोजन की दलीलों को सुना, इसके बाद साक्ष्य और गवाहों के बयानों के आधार पर राजू और इसके भाई सुघड़ सिंह निवासीगण गांव ककराला थाना निधौली कलां को दोषी पाया गया। अदालत ने दोनों को 10 वर्ष कैद और 10-10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई, जुर्माना जमा नहीं करने पर पांच-पांच माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
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गवाहों के बयानों पर सजा सुनाई गई
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता सुनील भारद्वाज ने बताया कि 10 अक्तूबर 1999 को तीनों दोषी महिला को अपनी निजी कार से अलीगढ़ पुत्रबधु और बेटे से मिलाने ले गए थे। इस दौरान महिला की जेठानी भी साथ गई थी। चारों अगले दिन अलीगढ़ से लौटकर उक्त तीनों के साथ आ रहे थे तभी बेटे ने एटा में कार रोकने को कहा लेकिन नहीं रोकी। तब बेटा, पुत्रबधु और जेठानी चलती कार से इरादे भांपकर कूद गए थे और तीनों के चोटें आईं थीं, लेकिन महिला कार में ही रह गई और तीनों ने उसके साथ जाकर सामूहिक दुष्कर्म किया था। अदालत में दलीलें देने और साक्ष्य व गवाहों के बयानों पर सजा सुनाई गई है।
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