[ad_1]
एसएन मेडिकल कॉलेज की ओपीडी में मरीजों की भीड़
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
उत्तर प्रदेश के आगरा में बदले मौसम से वायरल बुखार से खांसी-खराश और तेज बुखार के मरीज बढ़ गए हैं। एसएन मेडिकल कॉलेज की मेडिसिन और बाल रोग विभाग में 30 फीसदी मरीज इसी से पीड़ित हैं। इनमें से हालत गंभीर मिलने पर 3-5 बच्चों को भर्ती करना पड़ रहा है।
बाल रोग विभागाध्यक्ष डॉ. नीरज यादव ने बताया कि ओपीडी में 150-180 औसतन मरीज आ रहे हैं। बदले मौसम के कारण इनमें से 45-55 बच्चे बुखार-खांसी की शिकायत के हैं। इनमें से 8-10 बच्चों को 102 डिग्री फारेनहाइट सेंटीग्रेट से अधिक बुखार मिल रहा है। इनमें सुस्ती होने, पसली चलने, कमजोरी होने पर 3-5 बच्चों को भर्ती कर रहे हैं।
यह भी पढ़ेंः- Mathura Krishna Janmashtami Live: अजन्मे का जन्म आज, हरे कृष्ण हरे कृष्ण से गूंज रही मथुरा-वृंदावन की गली-गली
मेडिसिन विभाग के डॉ. अजित चाहर ने बताया कि 480 से अधिक मरीज आ रहे हैं। इनमें औसतन 150 मरीजों को बुखार, शरीर में दर्द, सिर भारी रहना, भूख कम लगने की शिकायत मिली है। इनको दवा देकर आराम करने की सलाह दे रहे हैं।
वायरल फीवर पीड़ित को कर दें आइसोलेट, स्कूल न भेजें
इंडियन पीडियाट्रिक्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. अरुण जैन ने बताया कि बच्चों को शुरूआत में एक-दो दिन हल्का बुखार आ रहा है। इसके बाद 102 सेंटीग्रेट पार कर रहा है। ऐसे में बच्चे समेत बड़ों को वायरल फीवर है तो खुद को आइसोलेट कर लें और मास्क लगाने से अन्य परिजनों का बचाव होगा। बुखार आने पर बच्चों को स्कूल भेजने से बचें। 5-7 दिन में बुखार ठीक हो रहा है।
यह भी पढ़ेंः- Agra: ताज ट्रेपेजियम जोन में सड़कों की खुदाई करके नहीं की मरम्मत…तो माना जाएगा गंभीर अपराध, होगा मुकदमा
इन बातों का रखें ख्याल:
- हल्के गुनगुने पानी में कपड़ा भिगोकर शरीर को पोंछें, सिर पर पट्टी रखें।
- 100 डिग्री फारेनहाइट बुखार होने पर डॉक्टरी परामर्श से पैरासिटामॉल दवा दें।
- सुस्त होना, पसली चलना, खाना-पीना छोड़ने पर तत्काल डॉक्टर को दिखाएं।
- नारियल पानी और पानी खूब पीएं और पौष्टिक आहार लेना बंद न करें।
- ठंडी सामग्री लेने से बचें, आराम करें।
[ad_2]
Source link