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एसएन मेडिकल कॉलेज में सूजन से नस फटने का लेजर विधि से इलाज करते डॉक्टर।
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
ताजनगरी आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज में कार्डियो थोरेसिक वैस्कुलर सर्जरी (सीटीवीएस) विभाग के चिकित्सकों ने लेजर विधि (एंडोवेनस लेजर एब्लेशन) से नस फटने का उपचार किया है। एसएन में पहली बार ये सुविधा मिली है। अभी तक निजी अस्पतालों में मरीजों को इलाज के लिए जाना पड़ता था, जिसमें 2 से 2.50 लाख रुपये का खर्च आता है।
सीटीवीएस विभाग के सर्जन डॉ. सुशील सिंघल ने बताया कि फतेहपुर सीकरी के 28 साल के युवक वेरिकॉज नस की परेशानी से जूझ रहा था। इसमें सूजन से पैरों की अतिरिक्त नस फट गई और खून का रिसाव होने लगा। 3-4 महीने से ये कहीं अन्य अस्पताल में इलाज करा रहा था।
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एसएन में आने पर अल्ट्रासाउंड मशीन के जरिये सुई के बराबर छेद से लेजर से नस को नष्ट कर दिया। इससे नस की सूजन कम हुई। खून का रिसाव बंद हो गया और घाव भी भरने लगे। पूर्व में ऐसे मरीजों का ऑपरेशन करना पड़ता था। इस विधि से संक्रमण का खतरा नहीं रहता है और दर्द भी नहीं होता है।
प्राचार्य डॉ. प्रशांत गुप्ता और विभागाध्यक्ष डॉ. प्रशांत लवानिया ने कहा कि सुपर स्पेशियलिटी सेंटर के शुरू होने से गंभीर रोगों का इलाज भी एसएन में निशुल्क हो रहा है। टीम में डॉ. आशीष मनोहर, डॉ. श्रेया श्रीवास्तव, डॉ. रेनू सिंह भी रहीं।
क्या है वेरिकॉज वेन
पैरों में अतिरिक्त नस फूल जाती हैं। शुरूआत में दर्द, ऐंठन होने लगता है। दबाव बढ़ने पर नस फट जाती हैं। उसमें खून बहने लगता है, अल्सर भी हो जाते हैं। लेजर से वेरिकॉज वेन को जलाकर नष्ट कर देते हैं। इससे पैरों में दबाव कम होने लगता है और सूजन नहीं होती है। रक्त बहना बंद हो जाता है, घाव भरने लगो हैं। 24 घंटे में डिस्चार्ज और 48 घंटे में मरीज काम पर लौट सकता है।
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