[ad_1]
कभी जिन बाजारों से 100-200 किलोमीटर एरिया का व्यापार चलता था. दूर-दूर से ताजनगरी के बाजारों में यहां पर व्यापारी सहित आम ग्राहक सामान लेने आते थे. आज ताजनगरी के वह पुराने बाजार मूलभूत सुविधाओं के अभाव में सिमट कर रह गए हैैं. आज पुराने लोग इन बाजारों की बात तो करते हैैं लेकिन असुविधा के कारण यहां पर जाने में ग्राहकों को दो बार सोचना पड़ता है. नई व युवा पीढ़ी ने तो इन बाजारों का नाम ही सुना है. ट्रैफिक जाम, पार्किंग की सुविधा न होना, बाजारों में टॉयलेट न होना जैसी असुविधा के कारण शहर के इन पुराने बाजारों की अब जीडीपी घटने लगी है.
[ad_2]
Source link